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Jagjit Singh Dallewal: कौन हैं जगजीत सिंह डल्लेवाल? 26 नवंबर से लगातार भूख हड़ताल पर हैं

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Jagjit Singh Dallewal: जगजीत सिंह डल्लेवाल भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधपुर) के अध्यक्ष हैं. उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट में स्थित डल्लेवाल गांव में हुआ. बताया जाता है कि वे पढ़े-लिखे किसान हैं. खेती उनका पुश्‍तैनी काम है. डल्लेवाल ने पंजाबी यूनिवर्सिटी से अपना पीजी किया और फिर कृषि कार्यों में जुट गए.

Who is Dallewal: जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) 26 नवंबर से लगातार भूख हड़ताल पर हैं. 70 वर्षीय डल्लेवाल की हालत प्रतिदिन नाजुक होती जा रही है. डॉक्‍टर्स भी कह चुके हैं कि यदि वे भूख हड़ताल पर रहे, तो उनकी जान भी जा सकती है. इसके बावजूद भी वे मानने को तैयार नहीं हैं. डल्लेवाल किसान नेता हैं, जो कि एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं. आइए जानते हैं की आखिर डल्लेवाल हैं कौन?

कौन हैं जगजीत सिंह डल्‍लेवाल?

Who is Dallewal: जगजीत सिंह डल्लेवाल भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधपुर) के अध्यक्ष हैं. उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट में स्थित डल्लेवाल गांव में हुआ. बताया जाता है कि वे पढ़े-लिखे किसान हैं. खेती उनका पुश्‍तैनी काम है. डल्लेवाल ने पंजाबी यूनिवर्सिटी से अपना पीजी किया और फिर कृषि कार्यों में जुट गए. उनका संगठन भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधपुर) 2022 में ही संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग हुआ है. इस संगठन में लगभग 150 किसान यूनियन शामिल हैं, जो कि राजनीति में शामिल नहीं हैं.

परिवार के नाम कर दी सारी जमीन

Dallewal Kaun Hain: डल्लेवाल के बेटे गुरपिंदरपाल डल्लेवाल ने बताया कि उनके पिता ने 4.5 एकड़ जमीन उन्हें, 2 एकड़ उनकी पत्नी और बाकी 10.5 एकड़ उनके बेटे के नाम कर दी। डल्लेवाल ने कहा था कि यह आमरण अनशन किसानों के लिए आर-पार की लड़ाई होगी। परिवार के नाम पर वसीयत करते हुए डल्लेवाल ने कहा कि मैंने अपनी बहू को भी जमीन दी है, वो भी इसलिए, ताकि वह आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सके। डल्लेवाल ने कहा था कि ‘मेरा मानना है कि जो महिला अपना घर और अपने परिजनों को छोड़कर जिंदगी भर के लिए आपके घर आती है, परिवार का ख्याल रखती है, साथ ही सभी जिम्मेदारियों को पूरा करती है, वह परिवार की अपनी हो जाती है।

2018 में सुर्खियों में आए डल्लेवाल

डल्लेवाल 23 फरवरी 2018 को सुर्खियों में आए थे। उन्होंने किसानों की उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और कृषि ऋण की माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने ट्रैक्टरों के एक काफिले का नेतृत्व किया था। तब पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संगरूर के चीमा मंडी में इस काफिले को रोक दिया था। काफिला 28 दिनों तक चीमा मंडी में ही डटा रहा। इसके बाद सरकार की ओर से उन्हें अपना मार्च फिर से शुरू करने की अनुमति मिली। बाद में डल्लेवाल 23 मार्च 2018 को दिल्ली में भूख हड़ताल में भी शामिल हुए।

सुप्रीम कोर्ट ने डल्‍लेवाल की सेहत को लेकर क्‍या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट की ओर से की सुनवाई में डल्लेवाल को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के उसके पूर्व निर्देशों का पालन नहीं करने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई गई. डल्लेवाल 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है. पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने में असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारियों ने डल्लेवाल को घेर लिया है और वे उन्हें अस्पताल नहीं ले जाने दे रहे.

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