Chhindwara Cough Syrup Death Case: मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की किडनी फेलियर से मौत का कारण जहरीला कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ था। एमपी एसआईटी ने इस सिरप को बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को देर रात गिरफ्तार किया।
Who is G. Ranganathan: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से 21 बच्चों की मौत के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस जहरीली दवा के पीछे तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स है। कंपनी के मालिक, 73 वर्षीय जी. रंगनाथन को गुरुवार को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें आगे की जांच के लिए छिंदवाड़ा लाया जाएगा। इस मामले ने दवा उद्योग में लापरवाही और गुणवत्ता नियंत्रण की कमी को उजागर किया है।
क्या हुआ एक्शन?
छिंदवाड़ा में 20 और बैतूल में 1 बच्चे की मौत के बाद फरार चल रहे रंगनाथन को तमिलनाडु पुलिस ने चेन्नई से हिरासत में लिया। उन्हें सुंगुवरछत्रम इंडस्ट्रियल क्लस्टर ले जाया गया, जहां उनकी कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। जांच में पता चला कि ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 48.6% थी, जो तय सीमा से कहीं अधिक है। इस घातक रसायन ने बच्चों के गुर्दे फेल कर दिए। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया। कई अन्य राज्यों ने भी इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी।
इसके अलावा, सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया। उनकी जमानत याचिका परासिया के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। साथ ही, छिंदवाड़ा के सीएमएचओ डॉ. नरेश गोनारे और सिविल सर्जन को हटा दिया गया, जबकि डॉ. सुशील कुमार दुबे को नया सीएमएचओ नियुक्त किया गया।
कौन हैं जी. रंगनाथन?
डॉ. जी. रंगनाथन ( गोविंदराजन रंगनाथन) एक अनुभवी फार्मासिस्ट हैं। उनके पास बी.फार्म, एम.डी. (ए.एम.), और पीएच.डी. की डिग्री है। उन्होंने 1982 में श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की स्थापना की, जिसे 1990 में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड किया गया। उनके भाई जी. बालासुब्रमण्यम कंपनी के मार्केटिंग कार्यों को संभालते हैं। कंपनी के निदेशकों में रंगनाथन गोविंदराजन, रंगनाथन रानी, गोविंदन बालासुब्रमणियन, और रंगनाथन गोविंदन शामिल हैं।
श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का कारोबार
चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट श्रीपेरुम्बुदूर के पास सुंगुवरछत्रम में है। कंपनी टैबलेट, कैप्सूल, और लिक्विड ओरल दवाएं बनाती है। यह डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित है और इसका कारोबार कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों तक फैला है। हालांकि, ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अत्यधिक मात्रा ने कंपनी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं।