कौन हैं एकनाथ शिंदे, जो एक बार फिर महाराष्ट्र के सीएम के दावेदार हैं

EKNATH SHINDE NEWS

Who will be the chief minister of Maharashtra: महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के रुझान आ गए हैं। महायुति गठबंधन 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। राज्य में भाजपा गठबंधन की सरकार बनना तय है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) 50 से ज्यादा सीटों पर आगे है। मुख्यमंत्री सीएम शिंदे (Eknath Shinde) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि तीनों पार्टी मिलकर तय करेंगी कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।

Who is Eknath Shinde: महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों के रुझान आ गए हैं। महायुति गठबंधन 200 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। राज्य में भाजपा गठबंधन की सरकार बनना तय है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) 50 से ज्यादा सीटों पर आगे है। मुख्यमंत्री सीएम शिंदे (Eknath Shinde) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि तीनों पार्टी मिलकर तय करेंगी कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इससे पहले फडणवीस ने सोशल मीडिया पर लिखा था- एक हैं तो सेफ हैं। ​​​महायुति में बीजेपी, शिवसेना (Eknath Shinde) और एनसीपी (Ajit Pawar) शामिल है. ‘कौन बनेगा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री’ इसका फैसला भी आने वाले दिनों में हो ही जाएगा। लेकिन आज हम आपको बताएंगे वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बारे में.

Story Of Eknath Shinde: कौन है एकनाथ शिंदे जिसने महान नेता बालासाहेब की बनाई चट्टान से अधिक मजबूत शिवसेना को चकनाचूर कर दिया है. महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का महाविनाश करने वाले शिंदे की जिंगदी में एक ऐसा वक़्त भी आया था जब उन्होंने राजनीति करना ही छोड़ दिया था. वो बुरी तरह से टूट गए थे और सब कुछ त्याग देने का फैसला कर लिया था. बालासाहेब के बाद उद्धव के पीछे चलने वाले शिंदे ने आज सबको पीछे छोड़ दिया है.

एकनाथ शिंदे कौन हैं

Eknath Shinde Political Carrier: बात 9 फरवरी 1964 की है जब महाराष्ट्र के सतारा जिले के जवाली तालुका में एकनाथ शिंदे का जन्म हुआ था. पढाई पूरी कर शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की शिवसेना ज्वाइन कर ली। बालासाहेब के बाद शिवसेना में कोई बड़ा कद रखता था वो वह ‘आनंद दीगे’ थे. शिंदे ठाणे में रहने लगे और वहीं उन्होंने आनंद दीगे को अपना गुरु बना लिया। शिंदे शिवसेना के सैनिक बन गए, लेकिन वो भी उन हज़ारों शिवसैनिकों में से एक थे जो शिवसेना में शामिल थे.

जब शिंदे ने अपना सबकुछ छोड़ दिया था

साल 1980 से 2000 तक शिंदे ने शिवसेना की भरपूर सेवा की. 1997 में ठाणे नगर निगम के कॉर्पोरेटर बने. शिंदे शिवसेना में चमकने लगे थे यह उनकी राजनीति का पीक पॉइंट था, लेकिन एक वक़्त ऐसा भी आया जब शिंदे बुरी तरह से टूट गए थे. साल 2 जून 2000 को शिंदे की जिंदगी में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. एकनाथ अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी के साथ सतारा में घूमने गए थे. बोटिंग करने के दौरान बोट अचानक नदी में पलट गई और उनकी आंखों के सामने उनके दोनों बच्चे डूब गए. इस हादसे के बाद शिंदे इस तरह बिखर गए थे कि उन्होंने सब कुछ त्याग देने का फैसला कर लिया था.

जब शिंदे के गुरु की मौत हो गई

Eknath Shinde With Anand Dighe: 26 अगस्त 2001 में शिवसेना के महानायक आनंद दीगे की अचानक मौत हो गई, वह मौत थी या हत्या आज तक इसका खुलासा नहीं हो पाया. बालासाहेब को लगता था कि आनंद की शिवसेना में उनसे ज़्यादा पकड़ न हो जाए. लेकिन इसका उनकी मौत से कोई लेना देना नहीं था. दीगे की मौत के बाद शिवसेना को अब अपना दबदबा बनाए रखने के लिए नए चेहरे की तलाश थी. इसलिए एकनाथ शिंदे को आनंद दीगे की राजनितिक विरासत सौंप दी गई.

Eknath Shinde Bala Saheb Thackeray: अपने गुरु के नक़्शे कदम पर चलने वाले शिंदे ने उस दिन के बाद कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। तभी से ठाणे महाराष्ट्र की राजनीतिक केंद्र बन गया. 2004 में शिंदे पहली बार शिवसेना विधायक बने और 2009, 2014, 2019 और 2014 और 2024 तक लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं. साल 2014 में बीजेपी की सरकार के दौरान शिंदे कांग्रेस के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष भी बने थे. तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें PWD मंत्री बना दिया, 2019 में जब शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस और NCP के सहारे सरकार बनाई तो शिंदे ने इसका विरोध किया। लेकिन शिवसेना में बड़ा कद रखने के चलते उन्हें महाराष्ट्र का परिवार कल्याण मंत्री, नगरविकास मंत्री और विधायक दल का नेता चुनना पड़ा. क्योंकि शिवसेना में शिंदे उद्धव ठाकरे से ज़्यादा अनुभवी और काबिल नेता थे.

आज खुद की सेना बना ली

Eknath Shinde’s party: जब से शिवसेना ने महाराष्ट्र में सत्ता हथियाने के लिए बालासाहेब के उसूलों के खिलाफ जाकर कांग्रेस का दामन थामा, तभी से शिंदे को उद्धव खटकने लगे थे. उद्धव शिवसेना के विधायकों को कम तवज्जो देते थे और कांग्रेस के MLA की बराबर सुनते थे. लेकिन शिंदे हमेशा अपने विधायकों के साथ खड़े रहते थे. शिंदे ने शिवसेना को अपने 42 साल दिए और साल 2022 में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को नकली बता कर अपने बागी विधायकों के दल को असली बालासाहेब के उसूलो वाली शिवसेना बनाने का दावा ठोंक दिया. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार का महाविनाश कर एक नाथ 30 जून 2022 की शाम 7:30 महाराष्ट्र के सीएम बन गए. एक अब देखना ये होगा कि क्या इस बार भी शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनते हैं या नहीं।

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