क्या है #ArrestVandanaSingh ट्रेंड, जो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल?

DM IAS Vandana Singh Chauhan: उत्तराखंड में इन दिनों हिंसा (Haldwani Violence) का महौल जारी है. चारों तरफ केवल एक ही नारे लगाए जा रहें है कि, वंदना सिंह चौहान को अरेस्ट करो।’ वहीं, सोशल मीडिया पर भी यह काफी ट्रेंड कर रहीं हैं. जहां एक तरफ कुछ लोग वंदना सिंह को गिरफ्तार करने के पक्ष में #ArrestVandanaSingh के हैशटैग इस्तेमाल कर रहें हैं तो वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग #I_SupportVandanaSingh का इस्तेमाल कर रहें हैं.

अब ऐसे में आपके मन में ये सवाल उमड़ रहें होंगे कि आखिर कौन हैं वंदना सिंह और ऐसा क्या हुआ है जिससे पुरे उत्तराखंड का महौल गरमाया है. तो चलिए इन सब के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.

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क्या है उत्तराखंड मदरसे का पूरा मामला?

Haldwani DM Vandana Singh: दरअसल, उत्तराखंड हल्द्वानी कांड (Uttarakhand Haldwani Kaand) के पुरे मामले की बात की जाए तो बता दें कि नैनीताल (Nainital) के इंदिरा नगर के बनभूलपुरा इलाके में एक सरकारी जमीन पर 20 साल पहले एक मस्जिद का निर्माण किया गया था. इस मस्जिद का नाम ‘मरियम मस्जिद’ (Maryam Masjid/Maryam Mosque) है, जिसे रेलवे की जमीन पर बनाया गया था. इस सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से मस्जिद बनाने पर हल्द्वानी की डीएम वंदना सिंह ने हाईकोर्ट के आदेश (2008) का पालन कर अतिक्रमण को हटाया है. हालांकि, इससे पहले कई बार कोर्ट ने आदेश भी जारी किया था, जिसका पालन न करने पर वंदना सिंह को ये सख्त कदम उठाना पड़ा. इसके बाद कुछ विशेष समुदाय वाले लोग सोशल मीडिया पर वंदना सिंह के गिरफ़्तारी की अपील कर रहे हैं.

इस मामले के बाद जहां कुछ लोग इनका साथ दे रहें तो वहीं, कुछ लोग जमकर विरोध कर रहें हैं. और साथ ही कई तरह के सवाल भी कर रहें है कि जब सुनवाई 14 फरवरी को होने वाली थी तो 8 फरवरी को बुलडोजर क्यों चलवाया गया?

कौन है आईएएस वंदना सिंह?

Who is IAS Vandana Singh: वंदना सिंह का जन्म 4 अप्रैल, 1989 (Vandana Singh Birth) को हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव में हुआ था. हरयाणा में उस वक्त लड़कियों को ज्यादा पड़ने की आजादी नहीं थी. साथ ही इनका परिवार रूढ़िवादी सोच होने के कारण वंदना को आगे पड़ने नहीं देना चाहते थे. इसके बावजूद उनके पिता ने उनका एडमिशन मुरादाबाद के एक गुरुकुल में करवा दिया था. जहां उन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में एलएलबी के कोर्स के लिए एडमिशन लिया। वह अपने ग्रेजुएशन के दिनों में कॉलेज न जाकर घर पर ही रहती थी.

वंदना सिंह ने अपने करियर के लिए पूरा जी-जान लगा दिया। एक इंटरव्यू के दौरान वंदना की मां मिथिलेश ने बताया था कि, गर्मियों में भी वंदना ने अपने रूम में कूलर नहीं लगने दिया क्योंकि वह कहती थीं कि कमरे में ठंडक होने से नींद आती है. और आखिर में उन्होंने अपनबी मंजिल हासिल कर ही ली. वह घर पर ही रहकर बिना किसी कोचिंग के साल 2012 में यूपीएससी (UPPSC) पास कर आठवीं रैंक पाई थी.

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