Ram Mandir Donation Morari Bapu News: अयोध्या श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की वेबसाइड पर दी गई जानकारी के अनुसार, अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर के लिए अब तक सबसे ज्यादा दान कथावाचक मोरारी बापू (Morari Bapu) ने दिया है. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रूपए का दान दिया है. इतना ही नहीं अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में बैठे उनके रामभक्त अनुयायियों ने भी अलग से 8 करोड़ रूपए का दान दिया है.
अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. राम भक्तों के दान से ही राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। मंदिर को अब तक 5500 करोड़ से अधिक का दान मिल चुका है. इसके आलावा भी अभी और दान मिल रहा है. राम मंदिर के लिए दान करने वालों में एक राम भक्त ऐसा भी है, जो खुद को फकीर कहता है, लेकिन दिल से बहुत अमीर है. हम बात कर रहे हैं कथावाचक मोरारी बापू की. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए देशभर में सबसे ज्यादा चंदा दिया है.
मोरारी बापू कथाओं में हमेशा खुद को फ़कीर कहते हैं. लेकिन जब राम मंदिर बनाने के लिए दान की बात आई तो उन्होंने अपना बड़ा दिल दिखाया और राम मंदिर को सबसे ज्यादा दान किया। वैसे तो देश में एक से बढ़कर एक पैसे वाले हैं, लेकिन राम मंदिर के लिए दान देने वालों में मोरारी बापू टॉप पर हैं. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की वेबसाइड पर दी गई जानकारी के अनुसार, अयोध्या स्थिति भव्य राम मंदिर के लिए अब तक सबसे ज्यादा दान कथावाचक मोरारी बापू ने दिया है. मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रूपए का दान दिया है. इतना ही नहीं अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में बैठे उनके रामभक्त अनुयायियों ने भी अलग से 8 करोड़ रूपए का दान दिया है.
कौन हैं कथावाचक मोरारी बापू?
Who is Morari Bapu: मोरारी बापू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थक रहे हैं. हालांकि इस मामले में उन्होंने उग्र की बजाय, हमेशा सरकारी और अदालती प्रयासों पर भरोसा रखते थे. मोरारी बापू देश और दुनिया भर में रामकथा के लिए जाने जाते हैं. राम चरित मानस के प्रसिद्ध व्याख्याता भी हैं और दुनिया भर में पचास सालों से अधिक समय से राम कथाओं का पाठ कर रहे हैं.
गुजरात में हुआ था मोरारी बापू का जन्म
Morari Bapu is a resident of Gujarat: साल 1946 में गुजरात के भावनगर में जन्में मोरारी बापू आज भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं. मोरारी बापू ने बारह साल की उम्र में ही संपूर्ण राम चरित मानस को याद कर लिया था और 14 साल की उम्र में राम कथा का पाठ करना शुरू कर दिया था. वे वैष्णव बावा साधु निम्बार्क वंश से हैं. मोरारी बापू की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी उनकी कथा सुन चुके हैं.