Who cyber-attacked European airports: यूरोप के तीन बड़े हवाई अड्डों—लंदन हीथ्रो (London Heathrow), बर्लिन (Berlin) और ब्रुसेल्स (Brussels)—पर शनिवार को हुए साइबर हमलों (Cyber Attacks) ने हवाई यात्राको बुरी तरह प्रभावित कर दिया। चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम ठप हो गए, जिससे यात्रियों को मैन्युअल चेक-इन कराना पड़ा और कई फ्लाइट्स लेट या रद्द हो गईं। कॉलिन्स एयरोस्पेस, जो इन एयरपोर्ट्स को सेवाएं प्रदान करती है, पर हुए हमले ने वैश्विक एविएशन में सतर्कता बढ़ा दी है। अमेरिका के डलास एयरपोर्ट्स (Dallas Airports) पर भी शुक्रवार को टेलीकॉम फेलियर से 1,800 से ज्यादा फ्लाइट्स प्रभावित हुईं, हालांकि इसका यूरोपीय हमलों से सीधा संबंध स्पष्ट नहीं है।
शनिवार सुबह से शुरू हुए साइबर हमलों ने ऑटोमेटेड सिस्टम्स को निशाना बनाया, जिससे हीथ्रो पर 140 से ज्यादा, ब्रुसेल्स पर 100 से अधिक और बर्लिन पर 60 से ज्यादा फ्लाइट्स लेट हो गईं। ब्रुसेल्स एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि हमला शुक्रवार रात को उनके सर्विस प्रोवाइडर पर हुआ। यात्रियों को एयरपोर्ट्स पर घंटों इंतजार करना पड़ा—कईयों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि चेक-इन काउंटर्स पर लंबी कतारें लग गईं।
अमेरिका में, डलास के एयरपोर्ट्स पर शुक्रवार को टेलीकॉम इक्विपमेंट फेलियर से अमेरिकन एयरलाइंस (American Airlines) ने 200 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं और 500 को लेट किया, जबकि साउथवेस्ट एयरलाइंस पर 1,100 फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने ग्राउंड स्टॉप जारी किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये घटनाएं साइबर थ्रेट्स की बढ़ती चुनौती को दर्शाती हैं, जो थर्ड-पार्टी वेंडर्स पर निर्भरता से जुड़ी हैं।
किसी संगठन या व्यक्ति ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कॉलिन्स एयरोस्पेस की पैरेंट कंपनी आरटीएक्स (RTX) ने बयान जारी कर कहा, “हम समस्या को जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।” एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने मैन्युअल प्रक्रियाओं को अपनाया और यात्रियों से धैर्य रखने की अपील की। यूरोपीय साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (European Cyber Security Agency) ने जांच शुरू कर दी है, जबकि यूके और जर्मनी की सरकारें साइबर डिफेंस को मजबूत करने पर विचार कर रही हैं।