Bihar Politics : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया जी में हुई रैली के दौरान जिन दो नामों ने सबका ध्यान खींचा, उनमें राजद विधायक विभा देवी और प्रकाश वीर शामिल हैं। इन दोनों ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के साथ मंच साझा किया था। जिसके बाद यह तय हो गया था कि दोनों राजद छोड़ देंगे। विधायक प्रकाश वीर और विभा देवी का अचानक पाला बदलना राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यह झटका ऐसे समय में लगा है जब राजद नेता तेजस्वी यादव इन दिनों राहुल गांधी के साथ मतदाता अधिकार यात्रा में व्यस्त हैं। इन दोनों नेताओं को लेकर चर्चाओं का बाजार पहले से ही गर्म था, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये दोनों सीधे पीएम के मंच पर नजर आएंगे।
क्या है रजौली विधायक प्रकाश वीर का राजनीतिक इतिहास?
राज्य में 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने प्रकाश वीर को रजौली विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। वहीं, भाजपा की ओर से कन्हैया कुमार चुनावी मैदान में थे। तब प्रकाश वीर ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार को हराया था। उन्होंने यह सीट करीब 12593 वोटों के अंतर से जीती थी। प्रकाश वीर की गिनती उन नेताओं में होती है जिनकी स्थानीय लोगों पर अच्छी पकड़ है। प्रकाश वीर एक स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि वे स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को उठाते हैं और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं।
रजौली विधानसभा पर रहा है कांग्रेस का कब्जा। Bihar Politics
दरअसल, रजौली विधानसभा क्षेत्र राज्य के नवादा ज़िले में आता है। अपनी स्थापना के बाद से इस विधानसभा सीट पर सबसे ज़्यादा सात बार कांग्रेस पार्टी के विधायक रहे हैं। रजौली विधानसभा सीट से अब तक 17 विधायक रहे हैं, जिनमें से बनवारी राम और बाबूलाल ने सबसे ज़्यादा चार-चार बार जीत हासिल की थी। इसके बाद कांग्रेस के रामस्वरूप प्रसाद सिंह यादव लगातार दो बार जीते और महावीर चौधरी, राधा कृष्ण प्रसाद सिंह यादव, शांति देवी, राजाराम पासवान, नंदकिशोर चौधरी, कन्हैया कुमार और प्रकाश वीर एक-एक बार विधायक बनने वालों में शामिल हैं।
पति के जेल जाने से राजनीति में सक्रिय हुईं विभा देवी। Bihar Politics
गया जी में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करने वाली विभा देवी का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में विभा देवी नवादा सीट से विजयी हुई थीं। तब उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार श्रवण कुमार को लगभग 26310 मतों के अंतर से हराया था। दरअसल, विवाह देवी शुरू से ही राजनीति के दांव-पेंचों से दूर रही थीं, लेकिन जब उनके पति राजबल्लभ यादव को एक मामले में जेल जाना पड़ा, तो वे राजनीति में सक्रिय हो गईं।
चुनाव जीतने के बाद लालू तेजस्वी की खास बन गईं विभा। Bihar Politics
नवादा जिले में भारी जीत हासिल करने के बाद विभा देवी लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की खास विधायक मानी जाने लगीं। हालांकि, समय के साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटीं जिसके बाद विभा देवी की राजद के शीर्ष नेताओं से दूरियां बढ़ने लगीं। दरअसल, विभा देवी के पति राजबल्लभ यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। राजवल्लभ 1990 से लालू प्रसाद के साथ हैं। वह बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में विभा देवी ने राजद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन तब उन्हें चंदन सिंह ने हरा दिया था। इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में विभा देवी राजद की सीट पर बिहार विधानसभा की सदस्य चुनी गईं।
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