One Nation One Election Bill: ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर बोलते समय कंगना रनौट ने कैमरे मैन को टोका, कहा-फोटो मत लो

One Nation One Election Bill: आज मोदी कैबिनेट में एक राष्ट्र एक चुनाव को मंजूरी मिल गई। अब अगले सप्ताह संसदीय शीतकालीन सत्र में एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को पेश किया जाएगा। इस बीच भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी बिल के ऊपर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि देश में वन नेशन वन इलेक्शन बहुत जरूरी है। क्योंकि हर 6 महीने में चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर बहुत अधिक खर्च पड़ता है। कंगना रनौत बिल पर बोल ही रहीं थी कि तभी उन्होंने कैमरा मैन को बीच में ही टोक टिया। कंगना ने कैमरा मैन से कहा कि बोलते वक्त उनकी फोटो न लें।

कैबिनटे में पास हुआ एक राष्ट्र एक चुनाव | one nation one election

गुरुवार को मोदी सरकार के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पर मुंहर लगा दी है। मोदी कैबिनेट में इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। भाजपा सूत्रों के अनुसार, एक राष्ट्र एक चुनाव बिल को अगले सप्ताह इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। भाजपा सरकार इस बिल को व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।

एक राष्ट्र एक चुनाव का उद्देश्य | one nation one election bil

एक राष्ट्र एक चुनाव बिल का उद्देश्य सौ दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है। मोदी सरकार का मानना है कि इस बिल के लागू होने के बाद दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो यह कि इससे सरकारी खजाने से चुनाव पर खर्च होने वाली धनराशि बचेगी और दूसरी यह कि इससे बार-बार चुनाव को आयोजित करने में जो समय लगता है वह भी बचेगा।

कंगना रनौत ने कैमरा मैन को टोका

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने एक राष्ट्र एक चुनाव बिल पर बोलते हुए कहा कि यह बिल बहुत महत्वपूर्ण है। इससे सरकारी खजाने से खर्च का बोझ कम होगा। कुछ ही देर में कंगना ने बात को बीच में रोकते हुए कैमरा मैन को टोक दिया। कंगना ने फोटो लेने वाले लोगों को हाथ उठाकर टोकते हुए कहा कि बात करते समय फोटो मत लीजिए।


कंगना रनौत ने कहा, “एक राष्ट्र एक चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हर 6 महीने में चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर बहुत अधिक खर्च होता है… सबसे बड़ी चुनौती लोगों को बार-बार बाहर आकर मतदान करने के लिए कहना है। हर साल मतदाताओं का प्रतिशत कम होता जा रहा है। यह समय की मांग है और हर कोई इसके पक्ष में है…”

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