Char Dham Hindi Me: हिंदू धर्म में चार धामों की बड़ी महिमा है। माना जाता है भगवान आदिशंकराचार्य ने देश के चारों कोनों में स्थित चार सुप्रसिद्ध तीर्थों में ही चार धामों की स्थापना की थी। ये चार धाम पुरी, द्वारका, बद्रीनाथ और रामेश्वरम हैं। माना जाता है यह चारों धाम, चार युगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से बद्रीनाथ-सतयुग, रामेश्वरम-त्रेता, द्वारका-द्वापर और पुरी-कलियुग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पुरी- पुरी भारत के पूर्वी क्षेत्र के उड़ीसा राज्य में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। चारों धामों में यह तीर्थ भगवान श्रीकृष्ण के अवतार भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ ही उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती है। यहाँ भगवान जगन्नाथ के लिए पहले मंदिर का निर्माण पूर्वी गंग वंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग ने करवाया था। यह धाम भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित गोवर्धन मठ से संबंधित है।
द्वारिका- भारत के पश्चिमी छोर पर स्थित द्वारका चारों धामों में दूसरा प्रमुख धाम है, और गुजरात राज्य में स्थित है। यह तीर्थ भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी भी यहीं थीं, जो अब समुद्र में डूब चुकी है। शंकराचार्य द्वारा स्थापित द्वारिका पीठ यहाँ स्थापित है।
बद्रीनाथ- बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली में स्थित है। गढ़वाल की ऊंची पहाड़ी पर स्थित यह तीर्थ अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और जगत के पालक भगवान विष्णु को समर्पित है। यह धाम बेर के वनों की अधिकता के कारण बद्रीका क्षेत्र कहलाता था। और भगवान विष्णु के निवास के कारण उन्हें भी बद्रीनाथ कहा जाने लगा। यहाँ पर भगवान आदि शंकराचार्य ने ज्योतिर्मठ की स्थापना की थी।
रामेश्वरम्- भारत के सुदूर दक्षिण में स्थित यह चौथा धाम है। यह तीर्थ तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में स्थित है। माना जाता है यहाँ भगवान श्री राम ने लंका जाने के लिए सेतु का निर्माण किया था और भगवान शिव की लिंग की स्थापना करके विधिवत पूजा की थी। भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग ही रामेश्वरम नाम से विख्यात हुआ। इस लिए यह तीर्थ भगवान शिव और राम को समर्पित है। यह धाम शृंगेरी शारदा पीठ से संबंधित है।