नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। शनिवार को काठमांडू में ओली के खिलाफ FIR दर्ज की गई, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओली पर आरोप है कि 8 सितंबर को Gen-Z के हिंसक प्रदर्शनों (Gen-Z Protests) के दौरान उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर ज्यादती का आदेश दिया था। यह FIR नेपाल की अस्थिर राजनीति का नया मोड़ है, जहां ओली का इस्तीफा अभी तक ताजा है।
ओली ने 9 सितंबर को भारी दबाव के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। Gen-Z के प्रदर्शनों में संसद भवन पर हमला, राष्ट्रपति भवन पर तोड़फोड़ और सोशल मीडिया बैन के बाद यह फैसला लिया गया। ओली की कम्युनिस्ट पार्टी (UML) ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (President Bidya Devi Bhandari) के संसद भंग करने के फैसले का विरोध किया है, लेकिन FIR ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
FIR में ओली पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और हिंसा का आदेश देने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 सितंबर को काठमांडू की सड़कों पर हजारों युवा उतरे थे, जो भ्रष्टाचार , बेरोजगारी, और ओली की चीन-समर्थक नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और पुलिस से झड़पें हुईं। ओली ने कथित तौर पर पुलिस को सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। FIR नेपाल पुलिस ने दर्ज की है, और जांच जारी है। ओली के वकील ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताया है।
वर्तमान में ओली आर्मी की सुरक्षा में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे काठमांडू के एक सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं, जहां नेपाली सेना ने घेराबंदी की हुई है। ओली ने इस्तीफे के बाद कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया, लेकिन उनकी पार्टी ने कहा कि वे जल्द ही राजनीतिक गतिविधियों में लौटेंगे। आर्मी की सुरक्षा के बावजूद, ओली पर हमले की आशंका बनी हुई है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उनके घर पर भी पथराव किया था।नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन 1 सितंबर से चल रहे हैं, जो सोशल मीडिया बैन के बाद और हिंसक हो गए। बैन 5 सितंबर को हटने के बाद भी हिंसा थमी नहीं, जिसमें 12 मौतें (12 Deaths) और 300 से ज्यादा घायल हुए। ओली का इस्तीफा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पतन का संकेत है, और अब अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
ओली का यह विवाद नेपाल की राजनीति को और अस्थिर बना सकता है। FIR की जांच में अगर ओली दोषी पाए गए, तो उन्हें जेल हो सकती है। नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों की नजर बनी हुई है।

