MP: प्रदेश का पहला शहर, जहां पक्षियों के लिए फ्लैट बनवाए जा रहे हैं

india's first bird house

India’s first bird house: पक्षी घर सीमेंट प्रीकास्ट के बनाए गए हैं. यह सिविल कंस्ट्रक्शन से बनाए गए हैं. इन उज्जैन में ऐसे कुल 4 जगहों पर पक्षियों के लिए घर बनाए गए हैं. एक बिल्डिंग में 3000 से ज्यादा पक्षी रह सकेंगे। साथ उनके दाना-पानी का इंतजाम भी किया गया है. उज्जैन ऐसी 4 बिल्डिंग्स हैं.

उज्जैन को भगवान महाकाल की नगरी के नाम से जाना है. दूर-दूर से लाखों लोग यहां उनके दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन अब उज्जैन पूरे देश में ऐसा शहर बन चुका है जहां पक्षियों के लिए फ्लैट (bird house)बनाए गए हैं. आपने अभी तक सुना होगा कि फ्लैट तो सिर्फ इंसानों के लिए होता है. लेकिन उज्जैन के लोगों में यह जूनून और उनकी बेहतर सोच से आज पूरे देश को सीखने को मिला है कि घर सिर्फ इंसानों के नहीं बल्कि पक्षियों के लिए भी बनाए जा सकते हैं.

किस प्रकार से बनाए गए हैं पक्षियों के फ्लैट?

India’s first bird house in Ujjain: पक्षी घर सीमेंट प्रीकास्ट के बनाए गए हैं. यह सिविल कंस्ट्रक्शन से बनाए गए हैं. इन उज्जैन में ऐसे कुल 4 जगहों पर पक्षियों के लिए घर बनाए गए हैं. एक बिल्डिंग में 3000 से ज्यादा पक्षी रह सकेंगे। साथ उनके दाना-पानी का इंतजाम भी किया गया है. उज्जैन ऐसी 4 बिल्डिंग्स हैं. सेफ्टी टॉवर होने की वजह से पक्षी यह सुरक्षित रहेंगे। इन घरों को बनाने में कुल साढ़े सात लाख रुपए का खर्च आया है. जिसका वहन उज्जैन के सिंधी समाजजनों ने किया है.

बताया गया है कि सिंधी समाजजनों द्वारा निर्णय लिया गया है कि उज्जैन में अभी 46 पक्षी घर बनाए जाएंगे। इससे उज्जैन में इनकी संख्या 50 हो जाएगी। यानि डेढ़ लाख से ज्यादा पक्षियों को नया ठिकाना मिल सकेगा। सिंधी समाजजन का कहना है कि वसंत विहार में बने पक्षी घर में बड़ी संख्या में पक्षी रह रहे हैं.

पहला पक्षी घर कहां बना है?

Where is India’s first bird house: गुजरात के मोरवी के श्रीराम कबूतर घर ट्रस्ट की ओर से मंगलनाथ मंदिर के निकट लगभग 55 फ़ीट ऊंचा पहला पक्षी घर बनाया गया है. इसके बाद उज्जैन में पक्षी घर बनाने की शुरुआत हुई. अब यह ट्रस्ट 12 ज्योतिर्लिंगों पर पक्षी घर बनाने के लिए कार्य कर रहा है. ट्रस्ट प्रमुख ने बताया कि एक घर बनाने में लगभग 1 महीने का समय लगता है. इसमें पक्षियों दाना-पानी आदि का इंतजाम तो रहता ही है, साथ वे ठंडी, गर्मी और बारिश से भी बचे रहते हैं.

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