Gold : सोना जिसकी क़ीमतें दिन बदिन आसमान छू रही हैं वो आख़िर इतना ख़ास क्यों है कि, इतना महंगा होने के बावजूद भी हम उसे खरीदते हैं और सबसे बड़ी बात कि ये आया कहाँ से हमारे पूर्वजों को कहाँ से मिला? हम भारतियों की बात करें तो हमारी तो शादी ब्याह ही सोने के बिना अधूरी हैं । इस बारे में साइंस क्या कहता है ,कहीं ये पृथ्वी जैसे और ग्रहों के निर्माण से तो नहीं जुड़ा है?
दुनिया के तमाम देश सोना क्यों खरीदते हैं :-
केवल भारत ही नहीं, दुनिया के लगभग हर देश में अपना सोने का भंडार है और हम अपनी बात करें तो , हमारी पम्पराओं में आभूषणों का चलन होने के नाते , भारत के क़रीब क़रीब हर घर में सोने के ज़ेवर होने के बावजूद सबसे ज़्यादा सोना अमेरिका के पास है। पर क्यों ? आख़िर अमेरिका ने इतना सोना क्यों खरीदा ? और जब भी दुनियां में तनाव की स्थिति पैदा होती है तो हर देश सोना क्यों खरीदने लगता है ? इन बहोत सारे सवालों का जवाब आइये ढूंढने की कोशिश करते हैं।
कैसे गिरा पृथ्वी पर सोना:-
पृथ्वी के निर्माण पर नज़र डालें तो जब तारे या सुपरनोवा आपस में टकराए उनमें विस्फोट हुआ तो बहोत सारी ऊर्जा निकली और इन तारों में इतना दबाव था कि प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन इनके केंद्र की तरफ बहते चले गए और फिर न्यूट्रॉन की उत्पत्ति हुई जिसे लोहे ने आकर्षित किया और लोहे के संपर्क में आने से यूरेनियम ,लेड ,सिल्वर और गोल्ड जैसे तत्वों का निर्माण हुआ जो अंतरिक्ष में फैलते हुए पृथ्वी तक पहुंचे।
कैसा दिखता है सोना:-
सोना जैसा हमें दिखता है वैसा इस धरती पे नहीं मिलता। निर्माण काल में जब पृथ्वी गर्म थी और सोना भारी था इसलिए पृथ्वी की सतह में बिखरने के बावजूद भी पृथ्वी के अंदर की सतहों पर असर डालती प्राकृतिक हलचलों , ज्वालामुखी, क्षुद्र ग्रहों के गिरने वगैरह से धीरे -धीरे दबता चला गया और पृथ्वी के केंद्र में पहुंच गया। हमें ये अपने मूल रूप में मिश्र धातु इलेक्ट्रम में चांदी के साथ भी मिला लेकिन अपने रंग और वज़न की वजह से महासागरों में बहकर भी एक जगह जमा होने से पहचाना गया। जो सोना उल्का पिंडों के ज़रिये पृथ्वी के ठंडी होने के बाद आया, वो कुछ ऊपरी सतहों पर मिला। जिसे चट्टानों में धंसे होने के बाद भी पत्थर की शक्ल में खोदा गया।
क्या सोना पुरे ब्रह्माण्ड में है:-
इन प्राकृतिक क्रियाओं से सोना पूरे अंतरिक्ष में फैल गया इसलिए ये माना जाता है कि पृथ्वी के अलावा ये कई ग्रहों पर पाया जाता है ,चन्द्रमा और मंगल ग्रह के कुछ नमूनों में सोना होने की बात वैज्ञानिक कहते हैं। क्योंकि अरबों वर्ष पहले जब पृथ्वी की किसी अन्य ग्रह से टक्कर हुई थी तो उस टक्कर से जो मलबा निकला ,उसी से चन्द्रमा बना था जिससे सोना चन्द्रमा में भी पहुंच गया।
क्यों नहीं थम रहा सोने का क्रेज़ :-
बहरहाल एक अनुमान के मुताबिक पूरी दुनिया में क़रीब 64000 टन सोना बचा है ,वो भी 216265 टन सोने के खनन के बाद, जिसमें लगभग 875 टन से ज़्यादा सोना भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है, तो सवाल ये उठता है कि तो भी इसे पाने की ललक और क़ीमतों में इज़ाफ़ा क्यों हो रहा है? तो हम आपको बता दें कि बमुश्किल मिलने की वजह से ही इसकी क़ीमते और मांग बढ़ रही हैं जिसकी वजह से आज भी सोना एक सुरक्षित चमकदार निवेश माना जा रहा है।