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Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: कब शुरू होगी भारत की पहली हाई-स्पीड रेल सेवा?

Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, तेजी से प्रगति कर रही है। 508 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय मौजूदा 7-8 घंटों से घटकर मात्र 2-3 घंटे रह जाएगा। यह परियोजना न केवल भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारत और जापान के बीच मजबूत सहयोग का प्रतीक भी है। आइए, जानते हैं कि यह बुलेट ट्रेन कब शुरू होगी और इसकी मौजूदा स्थिति क्या है।

मुंबई अहमदाबाद के बीच कब चलेगी बुलेट ट्रेन


When will the bullet train run between mumbai ahmedabad:
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा किया जा रहा है। इस 508 किमी लंबे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं। परियोजना में 71% से अधिक काम पूरा हो चुका है, जिसमें गुजरात में 360 किमी का काम लगभग समाप्त हो चुका है। महाराष्ट्र में भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और हाल ही में मुंबई में बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए पहली बेस स्लैब कास्टिंग पूरी हुई है।

भारत बुलेट ट्रेन कब शुरू होगी?

When will India bullet train start: परियोजना के पहले चरण में सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किमी का प्राथमिक खंड 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। इस खंड पर जापान की शिंकान्सेन तकनीक से लैस बुलेट ट्रेनें चलेंगी, जो 320 किमी/घंटा की रफ्तार से यात्रा करेंगी। पूरे कॉरिडोर का संचालन चरणबद्ध तरीके से होगा, जिसमें 2027 तक आंशिक संचालन और 2030 तक पूर्ण संचालन की योजना है। हालांकि, जापान से शिंकान्सेन ट्रेनों की खरीद में देरी के कारण शुरुआती चरण में इस कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा सकती हैं, जिनकी अधिकतम गति 280 किमी/घंटा होगी।

भारत की बुलेट ट्रेन में जापान का योगदान

जापान इस परियोजना में तकनीकी और वित्तीय सहयोग प्रदान कर रहा है। हाल ही में, जापान ने भारत को दो शिंकान्सेन ट्रेनें – E5 और E3 सीरीज – मुफ्त में देने की घोषणा की है। ये ट्रेनें 2026 की शुरुआत में भारत पहुंचेंगी और इनका उपयोग कॉरिडोर के निरीक्षण और परीक्षण के लिए किया जाएगा। ये ट्रेनें भारतीय इंजीनियरों को शिंकान्सेन तकनीक से परिचित कराने में मदद करेंगी। इसके अलावा, जापान की अगली पीढ़ी की E10 शिंकान्सेन ट्रेन, जो 400 किमी/घंटा की रफ्तार तक चल सकती है, 2030 के दशक में इस कॉरिडोर पर चलाने की योजना है।

भारत की बुलेट ट्रेन की स्पीड

तकनीकी चुनौतियां

यह कॉरिडोर भारत की जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों, जैसे तीव्र गर्मी और धूल, को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। शिंकान्सेन ट्रेनें इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, परियोजना में भूकंप-प्रतिरोधी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो इसे और सुरक्षित बनाता है। गुजरात में 150 किमी के हिस्से पर शोर अवरोधक (नॉइज़ बैरियर्स) स्थापित किए गए हैं, और 135 किमी से अधिक ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है।

भविष्य की योजनाएं

मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर भारत में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क की शुरुआत है। सरकार की योजना नेशनल रेल प्लान 2030 के तहत अन्य शहरों को भी हाई-स्पीड रेल से जोड़ने की है। इस प्रोजेक्ट से न केवल यात्रा समय कम होगा, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा।

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