Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। इसका आयोजन देश के चार राज्यों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में किया जाता है। मान्यता है कि देवताओं और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें इन्हीं चार जगहों पर गिरी थीं, इसलिए इन जगहों को बेहद पवित्र माना जाता है। इस साल प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया गया है जहां साधु-संतों के साथ देशभर से आए लोगों ने भी पवित्र अमृत स्नान का आनंद उठाया। ऐसे में आइए जानते हैं कि अगली बार महाकुंभ का आयोजन कब और कहां किया जाएगा।
अगला महाकुंभ कब आयोजित होगा?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रयागराज में अगली बार महाकुंभ का आयोजन साल 2196 में किया जाएगा। हालांकि महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। वहीं, 12 बार कुंभ मेले का आयोजन होने के बाद महाकुंभ का आयोजन 144 साल बाद होता है। ऐसे में 12 साल बाद अगला कुंभ मेला 2027 में नासिक में आयोजित होगा, जिसके बाद 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होगा।
महाकुंभ का क्या महत्व है? Maha Kumbh 2025
कुंभ मेले का मुख्य उद्देश्य आत्म शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति से जुड़ा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार कुंभ के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा यह संतों, गुरुओं और महात्माओं से श्रद्धालुओं के मिलन का भी बड़ा केंद्र है।
महाकुंभ का इतिहास क्या है? Maha Kumbh 2025
पौराणिक कथाओं के अनुसार, दैत्यों और देवताओं ने मिलकर समुद्र मंथन किया था, जिसमें से कुल 14 रत्न निकले थे। कहा जाता है कि जब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए तो दैत्यों और देवताओं के बीच लड़ाई हो गई। उसके बाद भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर अमृत कलश जयंत को सौंप दिया। जब जयंत अमृत कलश लेकर भाग रहा था, तो अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिर गईं। तभी से उन स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। जहां वो बूंदें गिरीं।
महाकुंभ अमृत स्नान की तिथियां।
दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को होगा।
चौथा अमृत स्नान बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 को होगा।
चौथा अमृत स्नान माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 को होगा।
आखिरी अमृत स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा।
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