एमपी। एमपी में गेहूं के उत्पादन में कंमी आने के हालात बनते हुए नजर आ रहे है। उसकी वजह है मौसम की बेरूखी। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से मौसम की स्थित है उससे एमपी में 15 से 20 प्रतिशत तक गेहू का उत्पादन घटने की उम्मीद है। एमपी में किसानों ने इस वर्ष 138.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी कर रखी है। जिसमें सबसे ज्यादा गेहूं की बोनी किसान किए हुए है। ऐसे में एजेसियों ने 80 लाख टन गेहू के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
मार्च माह में लू की बन रही स्थित
जिस तरह से मौसम का मिजाज बना हुआ है, उससे मार्च माह में तेज धूंप पड़ने के साथ ही लू के हालात बन रहे है। इसका सीधा असर गेहू पर पड़ेगा। धूंप तेज होने से गेहूं की फसल पकना शुरू हो जाएगी, जबकि अभी गेहूं पूरी तरह से तैयार नही है, इस समय गेहूं में फल आने के साथ ही अनाज मोटे हो रहे है। धूंप तेज होगी तो गेहू के अनाज पतले होगे और इससे उत्पादन कंम होगा।
देरी से गेहू की बोनी
ज्ञात हो कि एमपी के किसान अब धान की खेती भी कर रहे है और धान के चलते गेहूं की बोनी इस साल दिसंबर से जनवरी माह में हुई है। गेहूं की बोनी देरी से होने के कारण फसलों को तैयार होने में अभी समय है। इस साल मार्च माह में ही मौसम का मिजाज तेज हो रहा है और इसका सीधा असर गेहू की फसल पर पड़ेगा।
एमपी में इस वर्ष 15 प्रतिशत तक घट सकता है गेहू का उत्पादन, मौसम की बेरूखी से बन रहे हालात
