रीवा। समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद न हो पाने से किसान चितिंत है, क्योकि किसानों के कर्ज की अदायदी और जीवन-यापन उनकी फसल बिक्री पर निर्भर रहता है। किसान नेता रविदत्त सिह ने बताया कि रीवा संभाग के तकरीबन 40 प्रतिशत किसानों के अनाज अभी भी घर और खलिहान में रखे हुए है। उनके अनाज की खरीदी नही हो रही है। पोर्टल बंद हो जाने से यह समस्या आ रही है। अगर किसानों का आनाज नही खरीदा गया तो इससे सोसाइटी का कर्ज किसान कहां से जमा कर पाएगा। उनकी मांग है कि सरकार किसानों के पूरे अनाज की खरीदी करे।
फसल के हिसाब से तय हो डेट
किसान नेता का कहना है कि अनाज खरीदी के लिए पूरे एमपी में एक ही डेट तय की जाती है, जबकि सरकार मौसम तथा क्षेत्रीय स्तर की बोनी के हिसाब से खरीदी के लिए डेट तय करें। विंध्य अंचल में पानी की कंमी के चलते किसानों की बोनी पिछड़ गई थी। जिससे अनाज तैयार होने में समय लगा और कटाई एंव गहाई का काम पीछे हो गया। जब किसान का अनाज तैयार हुआ तो खरीदी केन्द्र का पोर्टल बंद हो गया। ऐसे में किसानों का अनाज खलिहान और घरों में पड़ा हुआ है। आए दिन मौसम की मार फसलों पर पड़ रही है। उनका कहना है कि अगर मौसम और फसलों के हिसाब से खरीदी की डेट तय की जाए तो सभी किसानों का पूरा आनाज बिक्री हो पाएगा।
सरचार्ज नही देगें किसान
किसान नेता का कहना है कि किसानों ने समितियों से कर्ज लेकर फसल की बोनी किए थें। उनके अनाजों की खरीदी और भुगतान समय पर नही किया गया तो सोसाइटी सरचार्ज लगाएगी। सरकार किसानों का पूरा आनाज खरीदे और समय पर भुगतान दे नही तो किसान सरचार्ज नही देगा और यह जबाबदारी सरकार की होगी।