एमपी। देश में स्वदेशी अपनाने का नारा लगाया जा रहा है। उसका असर भी अब दिखने लगा है। दरअसल मध्यप्रदेश के 170 कॉलेजों में वॉट्सएप का उपयोग बंद किया जा रहा है। उसकी जगह कॉलेजों में अरत्तई एप लेने जा रहा है। जानकारी के तहत ग्वालियर स्थित राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध लगभग 170 कॉलेजों में वॉट्सएप की जगह अरत्तई एप का उपयोग किया जाएगा। यह निर्णय संस्थान के कुलसचिव अरुण चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद लिये है।
संगीत एवं कला से जुड़ा है यह संस्थान
ज्ञात होकि मध्य प्रदेश में संगीत एवं कला का यह एक मात्र शैक्षणिक संस्थान है। ग्वालियर स्थित राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध लगभग 170 कॉलेजों में यह बदलाव किया जा रहा है। जिसके तहत अब उक्त सभी कॉलेजों में सूचना के आदान प्रदान के लिए अब अरत्तई एप का उपयोग किया जाएगा। यह व्यवस्था एक सप्ताह में शुरू होने की जानकारी सामने आ रही है। जिसके बाद संस्थान में होने वाले आधिकारिक सूचना व दस्तावेजों का आदान प्रदान, छात्रों के मार्गदर्शन के लिए ग्रुप बनाना यह सभी काम पूरी तरह से इसी एप पर होंगे। छात्रों से जुड़ी हर अपडेट को अरत्तई पर बने ग्रुप में ही साझा किया जाएगा और छात्रों को भी सभी तरह की जानकारी इसमें मिलेगी। प्रबंधन का कहना है कि किसी अन्य एप से दस्तावेजों का आदान प्रदान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
2021 से काम कर रहा यह एप
अरत्तई भारतीय मैसेजिंग एप है, जिसे जोहो कॉर्पाेरेशन ने 2021 में लान्च किया था। अरत्तई एक तमिल शब्द है, जिसका अर्थ है बातचीत या गपशप। यह वाट्सएप के भारतीय विकल्प के रूप में विकसित किया गया है। इसमें टेक्स्ट मैसेज, फोटो, वीडियो, दस्तावेज शेयरिंग, साथ ही वाइस और वीडियो कालिंग की सुविधा मिलती है। ग्रुप चौट, स्टिकर्स और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसी विशेषताएं इसे सुरक्षित और उपयोगी बनाती हैं। सबसे खास बात, इसका डेटा भारत में ही स्टोर होता है, जिससे यूजर्स को अधिक प्राइवेसी और भरोसा मिलता है।