रामलला की तीन मूर्तियां तैयार की गईं थी, जानें दो का क्या होगा?

bhagwan ramlala

रामलला की प्रतिमा को पहले राम जन्मभूमि परिसर का भ्रमण कराया जाएगा, इसके बाद गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा और फिर 18 जनवरी को रामलला गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। बता दें कि तीन मूर्तियां तैयार की गईं थी, जिसमें से मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की प्रतिमा को चुना गया है.

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत हो चुकी है. इसी क्रम में आज भगवान रामलला अपने मंदिर में प्रवेश करेंगे। रामलला की प्रतिमा को पहले रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण कराया जाएगा इसके बाद गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा और फिर 18 जनवरी को रामलला गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। राम में स्थापित करने के लिए मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को चुना गया है. वैसे रामलला की स्थापना के लिए तीन प्रतिमाएं बनाई गईं थी, लेकिन अब यह सवाल भी उठ रह है कि बाकी दो मूर्तियों का क्या होगा? श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसकी जानकारी दी.

तीन मूर्तियां तैयार की गईं थी

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि उन दोनों मूर्तियों को भी मंदिर के पहले और दूसरे तल पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की पहली मंजिल जैसे जी तैयार हो जाएगी, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या में वैदिक अनुष्ठानों के साथ रामलला की बाकी 2 मूर्तियों में से एक को विराजमान किया जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2025 तक पूरे मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दूसरी बची हुई मूर्तियों को दूसरे और आखिरी मंजिल पर विराजित किया जाएगा। राय ने कहा कि उन्हें राजगद्दी पर बैठाते समय भी सभी अनुष्ठान किए जाएंगे।

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तीन अलग-अलग मूर्तियां तैयार की गईं थी. मंदिर ट्रस्ट ने 22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करने के लिए कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगिराज की काले पत्थर की मूर्ति का चयन किया गया है. अन्य दो मूर्तियों में से एक को मैसूर (कर्नाटक ) के गणेश भट्ट ने काले पत्थर से और दूसरी को राजस्थान के सत्य नारायण पांडेय ने सफेद मकराना संगमरमर से तराशा है. तीनों मूर्तियां 51 इंच ऊंची हैं. इन मूर्तियों में पांच साल के भगवान राम को दर्शाया गया है.

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के सप्ताह भर चलने वाले अभिषेक समारोह में अंतिम अनुष्ठान करेंगे। वह हफ्ते भर चलने वाले समारोह के समापन का प्रतीक एक माचिस की तीली के आकार की सुनहरी छड़ी के साथ भगवान रामलला की आंखे खोलेंगे।

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