Harbhajan Singh Statement: पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। न्यूज 18 से बात करते हुए उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपने रिश्तों पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि उन्होंने 10 साल से धोनी से बात नहीं की है। जब वह आईपीएल 2018 से 2020 तक सीएसके के लिए खेले थे, तब वह ऑनफील्ड पर धोनी से बात करते थे। आपको बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में युवराज सिंह, हरभजन सिंह सबसे बड़े मैच विनर में से एक थे।
साल 2007 और 2011 में एक साथ दो विश्व कप जीतने वाले पूर्व भारतीय साथी हरभजन का दावा है कि उन्होंने 10 साल से ज्यादा समय से एक-दूसरे से बात नहीं की है। हालांकि, पूर्व भारतीय स्पिनर ने अपने और धोनी के बीच अनबन के बारे में कुछ नहीं कहा। हालांकि, उनके इस बयान से एक ही बात सामने आती है कि इन दिग्गजों के रिश्ते मैदान के बाद बहुत अच्छे नहीं थे।
क्या बोले हरभजन सिंह? Harbhajan Singh Statement
अब हरभजन सिंह के इस खुलासे को सुनकर भारतीय क्रिकेट फैंस को बड़ा झटका लगा है। दिग्गज भारतीय स्पिनर ने न्यूज18 से कहा- ‘नहीं, मैं धोनी से बात नहीं करता। जब मैं सीएसके में खेल रहा था, तब हमने बात की थी, लेकिन उसके अलावा हमने बात नहीं की। 10 साल से ज्यादा हो गए हैं। मेरे पास कोई वजह नहीं है। मुझे नहीं पता कि क्या वजहें हैं। जब हम आईपीएल में सीएसके में खेल रहे थे, तब हम बात करते थे और वो भी सिर्फ मैदान तक ही सीमित थी। उसके बाद वो मेरे कमरे में नहीं आए, न ही मैं उनके कमरे में गया।’
यूं छलका हरभजन सिंह का दर्द।
हरभजन सिंह ने कहा कि मैंने कभी महेंद्र सिंह धोनी को फोन करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि मुझमें बहुत जुनून है। मैं सिर्फ उन्हीं को फोन करता हूं जो मेरा फोन उठाते हैं। इसके अलावा मेरे पास वक्त नहीं है। मैं उन लोगों से संपर्क में रहता हूं जो मेरे दोस्त हैं। रिश्ता हमेशा देने और लेने का होता है। अगर मैं आपका सम्मान करता हूं तो मैं उम्मीद करता हूं कि आप भी मेरा सम्मान करेंगे वरना आप मुझे जवाब देंगे। अगर मैं आपको एक या दो बार फोन करता हूं और जवाब नहीं मिलता है तो शायद मैं आपसे जितनी बार जरूरत होगी उतनी बार मिलूंगा।
ऐसे हुआ दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेद? Harbhajan Singh Statement
दोनों क्रिकेटरों के बीच मतभेद की वजह धोनी की कप्तानी के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम में आए बदलाव हैं। धोनी ने भविष्य के लिए टीम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया, खास तौर पर 2015 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए, जबकि हरभजन धीरे-धीरे खुद को किनारे होते हुए पाया। 2011 विश्व कप के बाद हरभजन का खेल में दिखना काफी कम हो गया। दोनों ने केवल 10 वनडे और छह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, साथ ही उनका टेस्ट करियर भी खत्म हो गया।
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