प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान विश्वकर्मा पूजा और अपने जन्मदिन के मौके पर राजधानी दिल्ली में ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन किया। यशोभूमि क्यों बनाया गया है, इसमें क्या-क्या है? अपन हर चीज के बारे में डिसकस करेंगे।
What Is Yashobhumi: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा पूजा और अपने 73वें जन्मदिन के मौके पर दिल्ली में ‘इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (India International Convention And Expo Center) का उद्घाटन किया। इस एक्सपो सेंटर को ‘यशोभूमि’ (Yashobhumi) नाम दिया गया है.
”यशोभूमि के अंदर 15 कन्वेंशन सेंटर हैं जिसमे 11 हजार लोगों के बैठने की जगह है. पूरा सेंटर 8.9 लाख वर्ग मीटर के प्रोजेक्ट एरिया और 1.8 लाख वर्ग मीटर कंस्ट्रकटेड एरिया में फैला हुआ है.”
पीएम मोदी ने ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन करते हुए कहा- दुनिया में हर साल 32 हजार से अधिक बड़ी प्रदर्शनियों और एक्सपो का आयोजन होता है. जहां कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग एक सामान्य टूरिस्ट की तुलना में अधिक पैसा खर्च करते हैं. इतने बड़े उद्योग में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 1% है. भारत की कई बड़ी कंपनियां हर साल अपने कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए विदेशों में जाती हैं. अब भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है.
यशोभूमि की लागत और क्षेत्रफ़ल
यशोभूमि की लागत 5400 करोड़ रुपए है. मेन कन्वेंशन सेंटर के अलावा कई बड़े-बड़े एक्सिबिशन हॉल हैं, 13 मीटिंग और 15 कन्वेंशन रूम, ग्रैंड बॉल रूम हैं. इनमे एक साथ 11 हजार लोग शामिल हो सकते हैं.
Yashobhumi में क्या-क्या है?
- कन्वेंशन सेंटर में देश की सबसे बड़ी LED Media Wall लगी है.
- ऑडोटोरिम में आटोमेटिक सिटिंग सिस्टम है. यानी यह सीट जरूरत पड़ने पर समतल फर्श बन जाती हैं.
- ग्रैंड बॉलरूम 2500 गेस्ट होस्ट हो सकते हैं. यहां 500 लोगों की क्षमता वाला ओपन स्पेस भी है.
- 3 हजार से अधिक कार्स की पार्किंग के लिए अंडरग्राउंड पार्किंग और इलेक्ट्रिक कार्स के लिए 100 चार्जिंग पॉइंट हैं.
- दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ के बाद ‘यशोभूमि’ देश का दूसरा वर्ल्ड क्लास स्ट्रक्चर वाला कन्वेंशन सेंटर है.