Virat Kohli Retirement: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में किंग कोहली के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट के सलामी बल्लेबाज विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। विराट के फैंस के लिए यह खबर काफी दुखद है। दरअसल, सोमवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट कर दुनिया को जानकारी दी कि वह अब टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे। विराट कोहली के इस अचानक फैसले ने दुनिया को चौंका दिया। बताया जा रहा है कि कोहली ने अप्रैल में ही बीसीसीआई को इस बारे में जानकारी दे दी थी। हालांकि, बोर्ड ने उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था। अब जानिए विराट कोहली के अचानक संन्यास लेने की वजह…
क्या खराब प्रदर्शन के कारण लिया संन्यास? Virat Kohli Retirement
आपको बता दें कि पिछली दो टेस्ट सीरीज में कोहली का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और इन दोनों सीरीज में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। पिछले साल न्यूजीलैंड की टीम भारत आई थी और उसने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। इस सीरीज में कोहली ने तीन मैचों की छह पारियों में 15.50 की औसत से 93 रन बनाए थे। वहीं ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली पांच मैचों की नौ पारियों में 190 रन ही बना पाए थे। इसमें एक शतक भी शामिल है। कोहली ने पर्थ में पहले टेस्ट में शतक लगाया था।
आठ पारियों में सिर्फ 90 रन बना पाए थे कोहली।
इसके बाद वे आठ पारियों में सिर्फ 90 रन ही बना पाए। कोहली आठ बार आउट हुए और इनमें से सात बार वे ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को खेलते हुए आउट हुए। शायद इन दो टेस्ट सीरीज ने कोहली को यह सोचने पर मजबूर कर दिया होगा कि उनका समय आ गया है। कोहली ऑस्ट्रेलिया में रन बनाना पसंद करते हैं, लेकिन पिछले दौरे पर नाकाम रहने और आलोचना के बाद उन्होंने अपने टेस्ट करियर को खत्म करने के बारे में सोचा। अगर कोहली ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रन बनाते तो शायद वे इंग्लैंड दौरे पर विचार करते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
क्या प्रशंसकों का दबाव बना संन्यास की वजह? Virat Kohli Retirement
2012-13 में जब भारतीय टेस्ट टीम में बदलाव का दौर चल रहा था, तब सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे। उस समय विराट कोहली ने अपने दम पर जीतने का आत्मविश्वास पैदा किया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे और फिर साउथ अफ्रीका में कई शानदार पारियां खेलीं, जिससे भारतीय प्रशंसकों के मन में उनके प्रति विश्वास पैदा हुआ। प्रशंसकों को लगा कि भारतीय मध्यक्रम को एक नया सितारा मिल गया है जो अपने दम पर मैच पलटने की क्षमता रखता है। उन्होंने एक के बाद एक कई शतक जड़े। जब वह बल्लेबाजी करने आए तो पूरे देश को विश्वास था कि यह बल्लेबाज कुछ करेगा। उन्होंने इसी दबाव के साथ 14 साल तक टेस्ट खेला, लेकिन हाल ही में उन्होंने बताया कि यह इतना आसान नहीं था।
क्या कोहली नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं?
कोहली के बल्ले से सूखा दौर साल 2020 से शुरू हुआ. इसके बाद वह लगातार करीब तीन साल तक किसी भी फॉर्मेट में शतक नहीं लगा पाए। यह उनके करियर का सबसे खराब दौर था। उन पर बोझ बढ़ता गया और इसी के चलते उन्होंने कप्तानी छोड़ दी और बल्लेबाजी पर ध्यान देने की कोशिश की। कोहली ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया, ‘अगर मैं कप्तानी में संघर्ष नहीं कर रहा था, तो बल्लेबाजी में संघर्ष कर रहा था। मैं हर समय इसके बारे में सोचता रहता था. यह मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया और अंत में यह मुझ पर बहुत ज्यादा हावी हो गया।
टेस्ट मैचों में विराट पर सवाल उठते रहे हैं। Virat Kohli Retirement
हालांकि, उन्होंने 2022 में एशिया कप टी20 में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर वापसी की। इसके बाद वनडे और टी20 में उनका फॉर्म शानदार रहा, लेकिन टेस्ट में उन पर सवाल उठे। पिछले साल न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बल्ले से रन नहीं निकलने के बाद कोहली ने नए खिलाड़ियों को मौका देने के बारे में सोचा होगा। अगले महीने इंग्लैंड दौरे से भारत का नया विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र शुरू हो रहा है और कोहली को लगा होगा कि नए खिलाड़ियों को मौका देने और जमने का इससे बेहतर मौका और कोई नहीं हो सकता।
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