10 Countries Have The Largest Gold Reserves: सोना सदियों से शक्ति, संपत्ति और स्थिरता का प्रतीक रहा है। चाहे वो प्राचीन सभ्यताएँ रही हों या आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था, सोने की चमक कभी फीकी नहीं पड़ी। सोने के भंडार को एक देश की आर्थिक सुरक्षा की गारंटी माना जाता है। चाहे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा संकट हो, युद्ध का खतरा, या वैश्विक मंदी। सोना हमेशा से “सुरक्षित निवेश” रहा है। आज के दौर में सोना केवल आभूषणों तक सीमित नहीं, बल्कि यह किसी देश की आर्थिक मजबूती और मुद्रा की स्थिरता का भी प्रमुख आधार बन चुका है। यही वजह है कि विकसित और विकासशील दोनों ही देश लगातार अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ाने में लगे हुए हैं। विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) 2024 के आँकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडार अमेरिकी सरकार के पास है। जबकि स्वर्ण भंडारण में भारत सरकार 9वें स्थान पर है। हालांकि निजी स्वामित्व के हिसाब से देखा जाए तो भारत में सबसे ज्यादा सोना है।
विश्व के सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडार वाले 10 देश
अमेरिका (USA)
अमेरिका के पास आज भी दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार मौजूद है। उसके पास करीब 8,133.5 टन सोने का भंडार है। इसका अधिकांश हिस्सा फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) जैसे सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। अमेरिकी डॉलर की वैश्विक शक्ति में इस स्वर्ण भंडार का बड़ा योगदान है।
जर्मनी
स्वर्ण भंडार के मामले में अमेरिका के बाद जर्मनी दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसके पास 3,352.7 टन सोना है। जर्मनी के केंद्रीय बैंक ने अपने स्वर्ण भंडार का बड़ा हिस्सा हाल ही में देश में वापस लाया है। इसकी अर्थव्यवस्था यूरोप में सबसे मजबूत मानी जाती है, और सोने का यह भंडार उसकी रीढ़ है।
इटली
इटली के पास विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। इसके पास करीब 2,451.8 टन सोना है। भले ही इटली का कर्ज़ ऊँचा है, लेकिन उसका सोने का संग्रह उसे वित्तीय संकटों में भी स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। इटली का सोना मुख्यतः बैंक ऑफ इटली के पास है।
फ्रांस
फ्रांस की ऐतिहासिक नीति रही है कि वह सोने को अपनी मुद्रा नीति की रीढ़ बनाए रखे। आज भी यह उसका एक अहम विदेशी मुद्रा भंडार बना हुआ है। फ्रांस के पास 2,436.9 टन सोना है। जो उसे विश्व का चौथा सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडार वाला देश बनाते हैं।
रूस
रूस के पास करीब 2,332.7 टन सोना है। ने हाल के वर्षों में डॉलर पर निर्भरता कम करने और अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए सोने का बड़े पैमाने पर भंडारण शुरू किया है। इसके चलते रूस स्वर्ण भंडारण में पांचवें स्थान पर है।
चीन
चीन अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चीन भी सोने को अपनी मुद्रा युआन की स्थिरता के लिए खरीदता है। हाल के वर्षों में इसमें लगातार वृद्धि हुई है। चीन दुनिया का छठवाँ सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडारण वाला देश है, जिसके पास करीब 2,262.6 टन सोने का भंडार है।
स्विट्ज़रलैंड
स्विट्जरलैंड हालांकि देश छोटा है, पर यह सोने के लेनदेन और भंडारण का वैश्विक केंद्र है। दुनिया की कई सरकारें अपना सोना यहीं सुरक्षित रखती हैं। इसके पास करीब 1,040.0 टन सोना है, इस तरह सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडारण के मामले में यह विश्व में सातवाँ स्थान रखता है।
जापान
जापान के पास करीब 845.9 टन सोने का भंडार है और वह 8वां सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडारण वाला देश है। जापान की अर्थव्यवस्था में तकनीक और निवेश की बड़ी भूमिका है, लेकिन वह सोने को भी वित्तीय स्थिरता के लिए बनाए हुए है।
भारत
भारत पारंपरिक रूप से सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता रहा है। लेकिन सरकारी भंडारण की बात करें, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास 822.6 टन के लगभग सोना है। इस हिसाब से इसका स्थान नौवां है। हालांकि भारत के घरों और मंदिरों में करीब 25,000 टन से भी अधिक सोना निजी स्वामित्व में है, जो इसे दुनिया का सबसे “गोल्ड-रिच” देश बना देता है।
नीदरलैंड्स
विश्व का 10 वां सबसे ज्यादा स्वर्ण भंडार वाला देश नीदरलैंड है, जिसके पास 612.5 टन सोना है। इसने भी अपने कुछ भंडारों को हाल में वापस देश में स्थानांतरित किया है। यह दर्शाता है कि वह अपने सोने को लेकर कितना सजग है।