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क्या है Investment का 60:40 Rule! होगी पैसों की बारिश! जानें निवेश का तरीका

Investment 60:40 Rule in hindi: हर कोई अपने पैसे का निवेश करके मुनाफा कमाना चाहता है, लेकिन निवेश की समझ ना होने के कारण मुनाफा की जगह नुकसान कर जाते हैं. कई बार लेकिन जटिल गणनाओं और जोखिमों के डरते हैं, आज आपको निवेश की दुनिया के ऐसे नियम के बारे में बतायेंगे जिससे मोटा मुनाफा होगा या ये कहें की पैसों की बारिश होगी.

60:40 Rule in hindi

यह एक ऐसा नियम है जो ना केवल आपके निवेश को संतुलित रखता है, बल्कि आपको मुनाफा भी दिलाता है. यह नियम आपके फाइनेंशियल गोल को हासिल करने में भी मदद करता है. तो चलिए इस नियम को विस्तार से जानते हैं. ताकि आप भी पैसे कमाने के स्मार्ट और आसान तरीके को जान सकें.

दरअसल यह एक ऐसा फार्मूला है जिसमें निवेश की कुल राशि का लगभग 60% हिस्सा इक्विटी यानी शेयर बाजार, म्युचुअल फंड आदि में और लगभग 40% हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट यानी फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड, पीएफ आदि में निवेश किया जाता है. ताकि आपके निवेश में जोखिम और सुरक्षा के बीच संतुलन बना रहे.

इस नियम का काम यह है कि, आपकी कमाई बढ़ाने के साथ पैसा सुरक्षित भी रहे. निवेश में 60:40 नियम को ऐसे समझें – आपके पोर्टफोलियो में 60% हिस्सा जोखिम भरा इक्विटी है, जो आपको ज्यादा रिटर्न दे सकता है. इसके अलावा 40% हिस्सा स्थिर और सुरक्षित डेट है, जो आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता देता है.

60:40 नियम की खास बातें

कैसे करें इस 60:40 नियम का उपयोग

अपनी आय, खर्च और वित्तीय लक्ष्य को अच्छे से समझें. जैसे आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं या अपने रिटायरमेंट के लिए बड़ी बचत कर रहे हैं. लक्ष्य के हिसाब से इस नियम में निवेश करें.

Equity Mutual Fund, Index Fund, Blue chip stocks, या ETF में निवेश करें. यदि आप निवेश में शुरुआत कर रहे हैं, तो इक्विटी म्युचुअल फंड चुने क्योंकि यह विविधता प्रदान करते हैं. इन्हें प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है. जैसे यदि आपके पास ₹100000 है तो ₹60000 इक्विटी में डाल सकते हैं. बचे हुए ₹40,000 को PPF या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में लगाएं.

मुनाफे को मेंटेन कैसे करें

मार्केट में होने वाली हलचल आपके पोर्टफोलियो के अनुपात को बिगाड़ सकती है. जैसे इक्विटी की वैल्यू बढ़कर कभी 70% हो जाए तो कुछ मुनाफा निकाल कर डेट में डाल दें ताकि अनुपात फिर से 60:40 हो जाए. इसीलिए अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें. अगर आप ज्यादा जोखिम ले सकते हैं (जैसे कि युवा निवेशक), तो 70:30 का अनुपात भी आजमा सकते हैं.

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