Shimla Agreement | क्या है शिमला एग्रीमेंट? जानिए विस्तार से..

SHIMLA AGRIMENT

Shimla Agreement Explained In Hindi: बात 1972 की है जब पूर्वी पाकिस्तान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध हुआ. इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस युध्य के बाद ही आजाद बांग्लादेश ( पहले के ईस्ट पकिस्तान ) का भी जन्म हुआ। इसके कुछ समय बाद ही दोनों देशों के बीच शिमला एग्रीमेंट हुआ। अब प्रश्न उठता है कि, शिमला एग्रीमेंट कब हुआ था? आईये जानते है शिमला एग्रीमेंट को विस्तार से…

कब हुआ शिमला एग्रीमेंट | Shimla Agreement Date

पाकिस्तान से 1972 के युध्य के 6 महीने के बाद 2 जुलाई 1972 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान से जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हिमांचल की राजधानी शिमला में एक एग्रीमेंट हुआ था. इस एग्रीमेंट को ही शिमला एग्रीमेंट कहा जाता है. आज देश इस एग्रीमेंट की 52वीं वर्षगाँठ मना रहा है. आपको बताते चले कि , कई दौर की वार्ता के बाद यह एग्रीमेंट हो पाया था।

शिमला एग्रीमेंट के प्रमुख बिंदु | | Shimla Agreement Important Points

1 .कश्मीर के मुद्दे को शांति पूर्वक हल किया जाएगा

    2. कश्मीर के मुद्दे में भारत -पाकिस्तान के अलावा कोई तीसरा देश दखल नहीं देगा।

    3 . युध्य के दौरान एक दुसरे के यहाँ बंद बंदियों की परस्पर अदला बदली की भी बात कही गयी।

    4 . आत्मसमर्पण में जिस स्थति में सेना थी वह वास्तविक नियंत्रण रेखा कहलाएंगी।

    शिमला एग्रीमेंट के फायदे | | Shimla Agreement Importance

    >इससे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आया।

    >इस एग्रीमेंट के बाद से दोनों देशो में एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव आया।

    >इस एग्रीमेंट के तहत , भारत ने 1971 के युध्य में पाकिस्तान से कब्जा की गयी जमीन भी लौटा दी।

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