What Is SCO In Hindi: SCO क्या है, भारत कब और कैसे शामिल हुआ? जानें सब कुछ

What Is SCO Explained In Hindi: 30 अगस्त 2025 को चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 25वां शिखर सम्मेलन (SCO Summit 2025) शुरू हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह समिट 20 से अधिक देशों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी के साथ अब तक का सबसे बड़ा SCO आयोजन है। इस समिट में क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों पर चर्चा हो रही है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पाहलगाम हमले (Pahalgam Attack) जैसे आतंकी कृत्यों की निंदा की और SCO से इसे स्पष्ट रूप से संबोधित करने की मांग की।

SCO क्या है? SCO का फुलफॉर्म

What is SCO? Full form of SCO: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो यूरेशियन क्षेत्र में राजनीतिक, आर्थिक, और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है। इसका फुलफॉर्म Shanghai Cooperation Organisation है। SCO का गठन क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद, अलगाववाद, और उग्रवाद (Terrorism, Separatism, Extremism) के खिलाफ सहयोग, और व्यापार, ऊर्जा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए किया गया था.

SCO का गठन कब हुआ?

When was SCO formed: SCO की स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई, चीन में हुई थी। यह “शंघाई फाइव” (Shanghai Five) का विस्तार था, जिसमें 1996 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, और ताजिकिस्तान शामिल थे। 2001 में उज्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद इसे SCO नाम दिया गया। SCO का चार्टर जून 2002 में सेंट पीटर्सबर्ग में हस्ताक्षरित हुआ और 19 सितंबर 2003 को लागू हुआ.

SCO के सदस्य देश

Member countries of SCO: 2025 तक SCO में 10 पूर्ण सदस्य देश हैं:

  1. भारत
  2. चीन
  3. रूस
  4. कजाकिस्तान
  5. किर्गिस्तान
  6. उज्बेकिस्तान
  7. ताजिकिस्तान
  8. पाकिस्तान
  9. ईरान (2023 में शामिल)
  10. बेलारूस (2024 में शामिल)

इसके अलावा, 3 पर्यवेक्षक देश (अफगानिस्तान, मंगोलिया, और एक अन्य) और 14 संवाद साझेदार देश (जैसे अजरबैजान, आर्मेनिया, बहरीन, मालदीव, तुर्की आदि) हैं। तुर्कमेनिस्तान अपनी स्थायी तटस्थता नीति के कारण SCO का सदस्य नहीं है.

भारत SCO में कब शामिल हुआ?

When did India join SCO: भारत को 2005 में SCO में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला। 2014 में भारत ने पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया, और 9 जून 2017 को अस्ताना, कजाकिस्तान में हुए SCO शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को पूर्ण सदस्यता प्रदान की गई।

SCO में भारत की भूमिका

India’s role in SCO: भारत SCO में एक सक्रिय और रणनीतिक भूमिका निभाता है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक हितों को संतुलित करती है:

भारत ने लगातार आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा-पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism), की निंदा की है। 2025 के SCO समिट में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पाहलगाम हमले का जिक्र न होने के कारण संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिसे पाकिस्तान के प्रति अप्रत्यक्ष संकेत माना गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भी आतंकवाद के खिलाफ SCO के संस्थापक सिद्धांतों को बनाए रखने की मांग की।

भारत ने 2022 में समरकंद समिट में SCO की अध्यक्षता ग्रहण की और 4 जुलाई 2023 को वर्चुअल प्रारूप में 23वां SCO शिखर सम्मेलन आयोजित किया। इसकी थीम थी “Towards a SECURE SCO”, जो सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता, और पर्यावरण (Security, Economy, Connectivity, Unity, Respect for Sovereignty, Environment) पर आधारित थी

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