निपाह वायरस क्या है? Nipah Virus का कारण, लक्षण और इलाज जानें

What Is Nipah Virus In Hindi Explained: केरल में एक बार फिर से निपह वायरस (Kerala Nipah Virus) की चपेट में आ गया है. इस साल कोझिकोड जिले में Nipah से संक्रमित दो लोगों की मौत भी हो चुकी है और अभी 2 संक्रमितों का इलाज चल रहा है जिसमे से एक की उम्र 9 साल और दसूरे की 24 वर्ष है. Nipah Virus को लेकर केरल के कई जिलों में Lockdown जैसे हालात हो गए हैं. लोगों को मास्क लगाने, भीड़ में जाने से बचने, बिना धोए कुछ भी खाने और बार-बार हाथ धोते रहने की सलाह दी जा रही है.

Nipah Virus भले ही Covid-18 की तरह तेजी से संक्रमण नहीं फैलाता लेकिन इससे संक्रमित होने वाले मरीज की मृत्यु दर अधिक होती है. WHO की मानें तो हर साल Nipah से दुनिया में 40 से 75 लोगों की मौत हो जाती है. निपाह वायरस क्या है, कैसे फैलता है, इसका इलाज क्या है? जैसे सभी सवालों के जवाब जानेंगे।

निपाह वायरस क्या है?

What Is Nipah Virus: निपाह एक Zoonotic Disease है. यानी यह जानवरों के जरिए इंसानों तक फैलता है. WHO के अनुसार निपाह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भी फ़ैल सकता है. दुनिया में निपाह का पहला केस 1998 में मलेशिया और 1999 में सिंगापुर में रिपोर्ट किया गया था. निपाह वायरस का नाम Nipah इसी लिए है क्योंकि इसका नाम मलेशिया के उस गांव के ऊपर रखा गया है जहां से पहला केस मिला था. निपाह से संक्रमित हुए उस पहले व्यक्ति की मौत हो गई थी.

तब मलेशिया में निपाह से 265 लोग ग्रसित हुए थे और 105 लोगों की मौत हो गई थी. वो दिन और आज का दिन हर साल दुनिया में कहीं न कहीं निपाह वायरस के मरीज मिलते रहते हैं. भारत, बांग्लादेश और आसपास के देशों में प्रतिवर्ष Nipah Virus के मामले सामने आते हैं. मगर इस बार केरल में संक्रमण अधिक फैलने का खतरा बढ़ गया है.

निपाह वायरस कैसे फैलता है

निपाह वायरस इंसानों में जानवरों के जरिये दूषित खाने से आता है. यह वायरस चमगादड़ के कारण इंसानों तक फैलता है. फल खाने वाले चमगादड़ जिन फलों को जूठा कर देते हैं या जो फल चमगादड़ का पेशाब या लार से दूषित हो जाते हैं, उनके सेवन से निपाह वायरस फैलता है. चमगादड़ों से यह वायरस दूसरे जानवरों जैसे बिल्ली, कुत्ता, सूअर, भेंड़, घोड़ों में फैलता है. चमगादड़ के द्वारा दूषित फलों के सेवन करने के अलावा यह संक्रमित व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति तक भी फैलता है. रोगी की देखभाल करने वालों पर भी संक्रमण का खतरा होता है.

1998 के बाद से आज तक दक्षिण एशियाई देशों में निपाह वायरस कम से कम 10 बार फैल चुका है. बांग्लादेश में 2001 के बाद तो यह दर्जनों बार फैला है. भारत के पश्चिम बंगाल में साल 2001 और 2007 में निपाह का ख़ासा प्रकोप देखा गया था. केरल में 2018, 2019, 2021 और अब 2023 में निपाह के मामले सामने आए हैं.

निपाह से होने वाली मौतों का आंकड़ा

  • निपाह कोवीड की तुलना में धीमा फैलता है लेकिन इससे संक्रमित होने वाले व्यक्ति की मौत होने की आशंका ज़्यादा होती है. 2001 में जब सिलीगुड़ी में निपाह फैला था तब 66 इन्फेक्टेड लोगों में 45 की मौत हो गई थी यानी डेथ रेट 68% था.
  • 2007 में पश्चिम बंगाल के नादिया में 5 लोग संक्रमित हुए थे जिनमे सभी की मौत हो गई थी.
  • केरल में 2018 में निपाह से संक्रमित होने वाले 18 लोगों में 17 और 2019-2021 में दो लोगों की मौत हुई थी. अब 2023 में दो मौतें हुई हैं और दो लोग अभी भी संक्रमित हैं.

निपाह वायरस के लक्षण

वायरस से इन्फेक्टेड होने के 4 से 14 दिन के बाद इसके लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं. बुखार, सिर दर्द, खांसी, गले में खराश, साँस लेने में दिक्क्त, उल्टी इसके प्राथमिक लक्षण है. इसके बाद अनिद्रा, भ्रम, भटकाव, दौरा पड़ना, कोमा और दिमाग में सूजन इसके गंभीर लक्षण हैं.

निपाह वायरस का इलाज

फ़िलहाल निपाह वायरस का कोई साइंटफिक इलाज नहीं है और ना ही कोई वैक्सीन है. लेकिन RT-PCR से इसकी पहचान हो सकती है. निपाह के मरीजों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या एंटी वायरल दवाइयां दी जाती हैं.

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