Multiple Sclerosis : दुनिया भर में 30 मई को वर्ल्ड मल्टीपल स्केलेरोसिस डे (World Multiple Sclerosis Day 2024 )के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने की वजह है लोगों को इस खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करना। आपने सुना होगा किइम्यून सिस्टम शरीर को फिट रखने और बेहतर ग्रोथ के लिए अहम रोल निभाता है। मगर जब व्यक्ति मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित हो जाता है तो इम्यून सिस्टम विपरीत फंक्शन करने लगता है। यह ऑटोइम्यून (Autoimmune) बीमारी है, इसमें हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही शरीर को कमजोर कर देता है। इसलिए हम आपको इस लेख में इस बीमारी के लक्षण और बचाव के टिप्स बताएंगे। मगर पहले यह जानना जरूरी है कि मल्टीपल स्केलेरोसिस कौन सी बीमारी है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस क्या है? (Multiple Sclerosis)
आज के समय में यह जानना जरूरी है कि मल्टीपल स्केलेरोसिस क्या (Multiple Sclerosis) है ? मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की बीमारी खराब खानपान की आदतों की वजह से होती है। यह गंभीर बीमारी है। इस बीमारी के होने से शरीर का पूरा इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। यह मस्तिष्क पर भी असर डालता है, जिससे शारीरिक क्रियाओं में बदलाव होने लगता है। क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक मल्टीपल स्केलेरोसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। यह सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। जिसके बाद इम्यून सिस्टम (Immune system) विपरीत फंक्शन करते हुए माइलिन सेल्स को खत्म कर देता है। माइलिन सेल्स मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की नसों के लिए सुरक्षा कवच होती हैं। इन सेल्स के डैमेज होने से मस्तिष्क से शरीर को मिलने वाले संकेत बाधित होते हैं। इस तरह शरीर ठीक प्रकार से सेंसेशन और मूवमेंट नहीं कर पाता।
मल्टीपल स्केलेरोसिस के प्रकार (Multiple Sclerosis)
मल्टीपल स्केलेरोसिस बीमारी के कई प्रकार देखे गए हैं। जिसके प्रभाव भी भिन्न होते हैं।
- क्लीनिकली आइसोलेटेड सिंड्रोम (clinically isolated syndrome)
- रिलैप्सिंग-रिमिटिंग मल्टीपल स्केलेरोसिस (Relapsing-remitting multiple sclerosis)
- सेकेंडरी प्रोग्रेसिव मल्टीपल स्केलेरोसिस (secondary progressive multiple sclerosis)
- प्राथमिक प्रगतिशील मल्टीपल स्केलेरोसिस (primary progressive multiple sclerosis)
- ट्यूमेफएक्टिव मल्टीपल स्केलेरोसिस (tumefactive multiple sclerosis)
- बेलोस कंसेंट्रिक स्केलेरोसिस (Bellows Concentric Sclerosis)
- मारबर्ग वेरिएंट मल्टीपल स्केलेरोसिस (Marburg variant multiple sclerosis)
मल्टीपल स्केलेरोसिस के लक्षण (Symtoms of Multiple Sclerosis)
- अकारण थकान महसूस होना
- बैठे-बैठे कंपकंपी लगना
- चक्कर आना या बेहोशी की स्थिति
- मूड स्विंग होना
- मस्तिष्क का स्थिर नहीं रहना
- मांसपेशियों में ऐंठन और अकड़न होना
- मेमोरी लॉस – सोचने-समझने और मेमोरी की समस्या
- पेशाब और मल त्यागने में कठिनाई होना
- मस्तिष्क में सूजन आने की वजह से सिर दर्द होना
- अचानक आंखों की रोशनी चली जाना
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मल्टीपल स्केलेरोसिस से कैसे बचें (How to protect from Multiple Sclerosis)
शरीर को निष्क्रिय करने वाली बीमारी मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis) का कोई भी इलाज संभव नहीं है। हालांकि इसके लक्षणों को पहचान कर इससे बचा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति में इस बीमारी के शुरुआती लक्षण दिख रहें हैं तो कुछ सावधानी रख कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे बताए गए टिप्स को फ़ॉलो कर इस बीमारी के असर को कम कर सकते हैं…
- 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना
- सभी पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना
- नशीले पदार्थों के सेवन से बचना
- नियमित व्यायाम करना
- रोज मेडिटेशन करना
चुकंदर से कंट्रोल होता है मल्टीपल स्केलेरोसिस
कैंसर और संक्रमण वाले रोगों को उचित इलाज से ठीक किया जा सकता है। लेकिन ऑटोइम्यून बीमारी मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज आधुनिक समय में भी संभव नहीं हो पाया है। लेकिन कुछ फलों के सेवन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए चुकंदर सबसे फायदेमंद फल है। चुकंदर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।