Loksabha Chunav 2024: लोकसभा सभा चुनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सातवें चरण के मतदान के बाद 1 जून को इंडिया ब्लॉक की बैठक होगी। इस बैठक में इंडिया अलायंस के नेता चुनाव के नतीजों को लेकर समीक्षा करेंगे।। और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
India Allience Meeting 1 june: इंडिया गठबंधन की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग होनी है. तमाम सियासी पंडित भी मान रहे हैं कि बीजेपी पिछले चुनाव से कम सीट पा रही है. हालांकि, बीजेपी ने ‘400 पार’ का नारा दिया है और दावा किया जा रहा है कि एनडीए गठबंधन तीसरी बार सरकार बनाएगा.
वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेता दवा कर रहे हैं कि एनडीए बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा। इंडिया गठबंधन सरकार बनाएगा। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्षी नेता इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने की बात कर रहे हैं.
1 जून को इंडिया गठबंधन बैठक क्यों कर रही है आइए समझते हैं, इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर सभी के मन में सवाल है कि चुनाव नतीजे से पहले विपक्षी नेताओं की बैठक क्यों हो रही है? इसे लेकर स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन यह बैठक उस दिन रखी गई है, जिन दिन आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का आखिरी दिन है. केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने एक जून तक की अंतरिम जमानत दी है और दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा. हालांकि, सीएम केजरीवाल ने अपनी जमानत की अवधि को एक सप्ताह और आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है.
अरविंद केजरीवाल की पार्टी इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल में से एक है. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, गोवा, चंडीगढ़ और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ रही है, जबकि पंजाब में दोनों अलग-अलग लड़ रही हैं. माना जा रहा है कि इस बार आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव से बेहतर नतीजे लाने में सफल रहेगी. ऐसे में केजरीवाल की भूमिका चुनाव के बाद काफी अहम होनी वाली है, इसलिए उनके जेल जाने से पहले उनकी मौजूदगी में इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेता बैठक कर भविष्य की रणनीति पर मंथन कर लेना चाहते हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के पक्ष में कई लहर नहीं देखी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि अलग-अलग राज्य में अलग तरह की राजनीतिक लहर देखने को मिल रही है. 2014 और 2019 की तरह बीजेपी के पक्ष में इस बार लहर नहीं है. ऐसे में बीजेपी के लिए अपने पुराने नतीजे को दोहराना आसान नहीं है. एनडीए गठबंधन अगर बहुमत से दूर रहता है तो फिर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की भूमिका अहम हो जाएगी. ऐसे में इंडिया गठबंधन नतीजे के बाद की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श और भविष्य की रणनीति पर अभी से ही मंथन करने में जुट गया है.