Assembly Elections 2023: देश में पंचायत से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक, हर चुनाव लड़ने पर उम्मीदवार को एक रकम जमा करनी पड़ती है. जिसे जमानत राशि कहा जाता है. तय वोट से कम वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है.
What is forfeiture of bail called: ‘अरे भैया की जमानत जब्द हो गई है’. 3 दिसंबर को 4 राज्यों को विधानसभा चुनाव के वोटों के रिजल्ट आएंगे तो आपको ऐसे शब्द सुनाई देने लगेंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि जमानत जब्त होना क्या कहलाता है.
दरअसल, हर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को एक तय रकम चुनाव आयोग में जमा करनी पड़ती है. इसे ही जमानत राशि कहते हैं. अगर कोई प्रत्याशी तय वोट हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है. ये जमानत राशि हर चुनाव की अलग-अलग होती है. पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक, हर चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशी को जमानत राशि देनी होती है.
कैसे निर्धारित होती है जमानत राशि
How is the bail amount determined: लोकसभा और विधानसभा चुनाव की जमानत राशि का जिक्र जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (Representation of the People Act 1951) में जबकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव की जमानत राशि का जिक्र प्रेसिडेंट एंड वॉइस प्रेसिडेंट इलेक्शन एक्ट, 1952 में किया गया है.
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग और SC-ST वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग जमानत राशि होती है. जबकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में सभी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए एक ही राशि होती है.
कितनी होती है जमानत राशि
How much is the bail amount: लोकसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपए की जमानत राशि जमा करानी होती है. वहीं, एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये रकम 12,500 रुपए होती है.
विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि की रकम 10 हजार रुपए होती है, जबकि एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5 हजार रुपए निर्धारित है.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में सभी वर्गों के लिए जमानत राशि की रकम एक ही होती है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए उम्मीदवार को 15 हजार रुपए जमा कराने होते हैं.
जमानत क्यों जब्त हो जाती है
Why is bail confiscated: चुनाव आयोग के अनुसार, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी कि 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. उदाहरण के लिए “जैसे किसी सीट पर 1 लाख वोट पड़े हैं और वहां 5 प्रत्याशियों को 16,666 से कम वोट मिले हैं, तो उन सभी की जमानत जब्त हो जाती है. यही तरीका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपनी जमानत बचाने के लिए 1/6 वोट हासिल करने होते हैं.
कैसे वापस होती है जमानत राशि
How is the security deposit returned: प्रत्याशी को जब 1/6 से ज्यादा वोट हासिल होते हैं तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है. जीतने वाले उम्मीदवार को भी उसकी रकम वापस कर दी जाती है, भले ही उसे 1/6 से कम वोट मिले हों. वोटिंग शुरू होने से पहले यदि किसी उम्मीदवार की मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को राशि लौटा दी जाती है. उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने या फिर नामांकन वापस लेने की स्थिति में जमानत राशि लौटा दी जाती है