थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच क्या दुश्मनी है? जानें इतिहास

What is the enmity between Thailand and Cambodia Explain In Hindi: साल 2025 दुनियावालों को ऐसी-ऐसी घटनाएं दिखा रहा है जिसके बारे में किसी ने कभी सोचा ही नहीं था. उधर रूस-यूक्रेन जंग थमने का नाम नहीं ले रही, इजराइल के साथ फिलिस्तीन -ईरान के साथ संघर्ष चल ही रहा है अजरबैजान-अर्मेनिया भी आपस में लड़े जा रहे हैं, भारत-पाकिस्तान के बीच भी न्यूक्लियर वॉर होते-होते रुकी है कि अब पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में भी बवाल खड़ा हो गया है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जंग (Thailand Cambodia War) शुरू हो गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये दोनों देश तो अपने टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, हर देश से इनकी मित्रता है लेकिन ये पडोसी देश आपस में दुश्मन क्यों बने हुए हैं? आज हम आपको थाईलैंड और कंबोडिया की दुश्मनी का इतिहास (History of hostility between Thailand and Cambodia) बताने जा रहे हैं.

थाईलैंड-कंबोडिया के बीच क्या हो रहा है

What is happening between Thailand and Cambodia: अभी जो ताजा विवाद है उसकी शुरुआत 28 मई 2025 से हुईथी। दोनों देशों की सीमा में तैनात सैनिकों की छोटी भिड़ंत हुई थी जिसमे एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया था. इस घटना के बाद से ही दोनों देशों का खून उबाल मार रहा था। गुरुवार, 24 जुलाई को दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमला शुरू कर दिया। कंबोडियाई सैनिकों के हमले से 12 थाई नागरिकों की मौत हो गई, जिसके जवाब में थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों में हमले कर दिए. दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है. लेकिन ये दुश्मनी इस छोटे हमले से शुरू नहीं हुई है. Thailand और Cambodia के बीच की दुश्मनी भारत-पाकिस्तान की दुश्मनी से भी ज्यादा पुरानी है.

थाईलैंड और कम्बोडिया दुश्मन क्यों है

Why are Thailand and Cambodia enemies: ये बात 118 साल पुरानी है. दोनों देशों के बीच दुश्मनी का कारण जमीनी विवाद है, वही जमीन जहां वर्ल्ड फेमस प्रीह विहार मंदिर (Preah Vihear Temple) है। 19वीं सदी में कंबोडिया पर फ़्रांस का राज था, फ़्रांसिसी शासन ने अपनी सीमा बांटने के लिए कंबोडिया और थाईलैंड के बीच में 817 किलोमीटर की सरहद बना दी. फ़्रांस शासन ने Preah Vihear Temple को कंबोडिया का हिस्सा बना दिया जिसका थाईलैंड ने खूब विरोध किया। इसी बात पर कई दशकों तक दोनों देशों के बीच विवाद रहा.

1959 में कंबोडिया सरकार इंटरनेशनल कोर्ट पहुंच गई, मामला था ‘प्रीह विहार मंदिर किसका है’ (Whose is Preah Vihear Temple?’) 1962 में कोर्ट ने फैसला दिया कि मंदिर कंबोडिया का ही है। थाईलैंड ने भी अदालत के फैसले को माना मगर बाकी जमीन के लिए दुश्मनी कायम रखी.

दोनों देशों के बीच जमीन को लेकर तनाव तो बना ही था लेकिन कुछ समय बाद सैन्य झड़पें होने लगीं जब कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने की कोशिश की। UNESCO ने Preah Vihear Temple को वर्ल्ड हैरिटेज घोषित कर दिया इसी के बाद से सेनाओं में फिर झड़पें शुरू हो गईं. आलम ये रहा कि शांति के टापू माने जाने वाले ये दोनों देश जंग का मैदान बन गए. सरहद किनारे रहने वाले हजारों लोग पलायन करने लगे.

2011 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने थाईलैंड और कंबोडिया को विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाएं हटाने का आदेश दिया था, और 2013 में फिर से स्पष्ट किया कि प्रीह विहार मंदिर और उसका आसपास का क्षेत्र कंबोडिया के अधीन है। इसके बावजूद, सीमा विवाद का पूरी तरह समाधान नहीं हो सका । पहले थाईलैंड और कंबोडिया को करीबी पड़ोसी माना जाता था, जिनके बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों देशों के नेता मानते थे कि साझा सीमा और आपसी सहयोग के कारण उनकी मित्रता अटूट रहेगी। हालांकि, हाल के वर्षों में स्थिति बिगड़ गई है और तनाव बढ़ गया है।

दोनों देशों के बीच दुश्मनी का कारण Preah Vihear Temple है जो कंबोडिया में है लेकिन थाईलैंड उसे वापस चाहता है. अच्छा ये नौबत नहीं आती अगर 28 मई 2025 को एमराल्ड ट्रायंगल, जहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं, वहां पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प न हुई होती।

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