What import from Russia Hindi News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की भारत पर रूस से तेल खरीद (India Russia Oil Deal) को लेकर 25% टैरिफ और अतिरिक्त “पेनल्टी” की धमकी के बाद भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने 4 अगस्त को जारी बयान में कहा कि भारत पर हमला “अनुचित और अतार्किक” है, क्योंकि रूस से तेल आयात वैश्विक बाजार की मजबूरी है, जिसे अमेरिका ने 2022 में खुद प्रोत्साहित किया था। लेकिन असली सवाल यह है कि ट्रंप और यूरोपीय संघ (EU) खुद रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार क्यों कर रहे हैं, जबकि भारत को निशाना बनाया जा रहा है?
ट्रंप की धमकी और भारत का जवाबट्रंप ने 30 जुलाई 2025 को ट्रुथ सोशल पर ऐलान किया कि 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल-हथियार खरीद के लिए अतिरिक्त पेनल्टी लगेगी। उन्होंने भारत को “दोस्त” कहते हुए भी इसके ऊँचे टैरिफ और रूस के साथ व्यापार को “युद्ध को वित्तपोषण” का दोषी ठहराया।
इसके जवाब में भारत ने कहा कि रूस से तेल आयात 2022 के बाद यूरोप की ओर रुख करने वाले पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं की कमी से मजबूरी में शुरू हुआ था। MEA ने जोर देकर कहा कि यह भारत की 1.4 अरब जनता के लिए सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने का कदम है, न कि किसी राजनीतिक समर्थन का प्रतीक।
अमेरिका का रूस से कितना ट्रेड करता है
How much US trade with Russia: ट्रंप का दावा है कि अमेरिका का रूस के साथ व्यापार “कम” है, लेकिन 2024 में अमेरिका ने रूस से $3 बिलियन (30 अरब रुपये) का माल आयात किया, जिसमें शामिल हैं:
- उर्वरक: $1.1 बिलियन (11 अरब रुपये)
- पैलेडियम: $878 मिलियन (8.78 अरब रुपये) – EV उद्योग के लिए
- यूरेनियम: $624 मिलियन (6.24 अरब रुपये) – परमाणु ऊर्जा के लिए जनवरी-मई 2025 में यह $2.1 बिलियन (21 अरब रुपये) तक पहुंच गया, जिसमें उर्वरक ($806 मिलियन), पैलेडियम ($502 मिलियन), और यूरेनियम ($596 मिलियन) शामिल हैं। ऊर्जा आयात 2022 में बंद हो गया, लेकिन रणनीतिक वस्तुओं का आयात जारी है। 2022-2024 में अमेरिका का कुल व्यापार $60 बिलियन से अधिक रहा
यूरोपीय संघ रूस से कितना ट्रेड करता है
How much European Union trade with Russia: EU ने 2024 में रूस के साथ माल व्यापार €67.5 बिलियन ($72 बिलियन) और सेवा व्यापार €17.2 बिलियन ($18 बिलियन) किया, कुल $90 बिलियन से अधिक। इसमें रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन LNG, उर्वरक, लोहा-इस्पात, और मशीनरी शामिल हैं।
तीसरे वर्ष (2024-25) में EU ने रूसी जीवाश्म ईंधन पर $21.9 बिलियन खर्च किए, जो यूक्रेन को दी गई $18.7 बिलियन की वित्तीय सहायता से अधिक है। 2022 में EU का रूस से व्यापार $144 बिलियन था, जो 2024 में 85% कम होकर $21.6 बिलियन रह गया, लेकिन फिर भी भारत ($30 बिलियन, 2024) से तीन गुना अधिक है। EU ने पेट्रोलियम, गैस, और कोयले पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन LNG आयात 9% बढ़ा, जो दोगलेपन को दर्शाता है।
भारत रूस से कितना व्यापार करता है
How much India trade with Russia: भारत का रूस के साथ 2024-25 में व्यापार $68.7 बिलियन रहा, जिसमें तेल ($50.2 बिलियन) का बड़ा हिस्सा है। 2022 से पहले यह $10.1 बिलियन था, लेकिन युद्ध के बाद छूट वाले तेल का फायदा उठाया गया। विदेश सचिव विक्रम मिश्री और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने कहा कि यह ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी था।ट्रंप और EU का दोगलापनट्रंप का रवैया साफ तौर पर दोगला है।
अमेरिका रूस से पैलेडियम और यूरेनियम आयात करता है, और EU $90 बिलियन का व्यापार करता है, जिसमें LNG और उर्वरक शामिल हैं, फिर भी भारत को “युद्ध वित्तपोषण” का ठप्पा लगाया जाता है। EU ने 2022 में $144 बिलियन से 2024 में $21.6 बिलियन तक व्यापार कम किया, लेकिन अभी भी रूस पर निर्भरता बनी हुई है।
MEA ने सही कहा कि पश्चिम के दोहरे मापदंड बेनकाब हो गए हैं। भारत ने वादा किया है कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा, चाहे ट्रंप की धमकियाँ या EU का रुख कुछ भी हो।