Kirana Hills पर Brahmos की दहाड़ से थर्राया Pakistan, Ceasefire की गुहार, वरना तबाह हो जाता मुल्क!

What Has Happened In Kirana Hills Hindi News: भारत और पाकिस्तान (India Pakistan War)के बीच हालिया तनाव के बीच एक चौंकाने वाला दावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वायरल हो रहा है। दावों के मुताबिक, भारतीय सेना ने अपनी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) से पाकिस्तान के किराना हिल्स (Kirana Hills Nuclear Arsenal), जहां पाकिस्तान का न्यूक्लियर स्टोरेज है, उसे निशाना बनाया। इस हमले से रेडिएशन लीक (Radiation Leak Kirana Hills Hindi News) की खबरें आईं, जिसके बाद अमेरिका और मिस्र को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पाकिस्तान को अमेरिका से सीजफायर की गुहार (Pakistan Begged For Ceasefire) लगानी पड़ी, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत चाहता तो पूरे न्यूक्लियर सिस्टम को तबाह कर सकता था, जिससे पाकिस्तान में भयंकर विनाश होता।


किराना हिल्स पर कथित हमला और रेडिएशन संकट

@MumbaichaDon की पोस्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने किराना हिल्स और नूर खान एयर बेस पर ब्रह्मोस मिसाइल से सटीक हमला किया (Indian Army carried out precision strikes with BrahMos missiles on Kirana Hills and Noor Khan Air Base)। किराना हिल्स, जो सरगोधा में स्थित है और सरगोधा एयर बेस (Sargodha Air Base) से 9-10 मील की दूरी पर है, लंबे समय से पाकिस्तान की परमाणु हथियार भंडारण सुविधा माना जाता है। 1980 के दशक में यहां सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट (किराना-I) किए गए थे।

पोस्ट में दावा किया गया कि इस हमले से रेडिएशन लीक हुआ, जिसकी निगरानी के लिए अमेरिका ने अपने B-350 AMS (Aerial Measuring System) विमान को तैनात किया। इसके बाद मिस्र ने अपने विमान (EGY1916) से रावलपिंडी में बोरोन (Boron)की आपातकालीन खेप भेजी, जो रेडिएशन को अवशोषित करने में सक्षम है। मिस्र के नील डेल्टा क्षेत्र में बोरोन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (S jaishankar) से संपर्क के बाद ही मिस्र ने यह कदम उठाया, जैसा कि 11 मई को उनकी बातचीत से संकेत मिलता है।


ब्रह्मोस की ताकत से सहमा पाकिस्तान

ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है, 450-600 किमी की रेंज और 2.5-3 मैक की गति के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसकी सटीकता और रडार से बचने की क्षमता इसे बेहद खतरनाक बनाती है। यदि यह हमला वाकई हुआ, तो यह पाकिस्तान के लिए एक सख्त चेतावनी थी कि भारत उसकी परमाणु सुविधाओं को आसानी से नष्ट कर सकता है।

Zee News की एक रिपोर्ट के अनुसार, किराना हिल्स पर हमले ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी थी, क्योंकि यह क्षेत्र परमाणु हथियारों से जुड़ा हो सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि नूर खान एयर बेस पर हमला पाकिस्तान के परमाणु कमांड सिस्टम को नष्ट करने की चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है। पाकिस्तान को डर था कि भारत का अगला कदम उसकी पूरी परमाणु क्षमता को तबाह कर सकता है।


सीजफायर की गुहार और अमेरिका की मध्यस्थता

इस हमले के बाद स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पाकिस्तान को अमेरिका से हस्तक्षेप की गुहार लगानी पड़ी। The Commune की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कूटनीतिक प्रयास किए। सऊदी अरब और यूएई के दबाव के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 11 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने “पूर्ण और तत्काल सीजफायर” पर सहमति जताई है। Reuters की रिपोर्ट में बताया गया कि सैन्य चैनलों और हॉटलाइन के जरिए दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हुई, जिसमें 36 देशों ने मध्यस्थता में मदद की।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत ने हमला जारी रखा होता, तो किराना हिल्स की पूरी सुविधा नष्ट हो सकती थी, जिससे बड़े पैमाने पर रेडिएशन लीक होता और पाकिस्तान में लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ती। मई में इस क्षेत्र में पश्चिम से पूर्व की ओर हवाएं बहती हैं, जिससे रेडिएशन भारत की ओर आने का खतरा कम था, लेकिन पाकिस्तान के लिए यह तबाही का सबब बन सकता था।


भारत ने क्यों बरता संयम?

भारत की परमाणु नीति “पहले उपयोग न करने” (No First Use) पर आधारित है, और वह हमेशा वैश्विक मंच पर जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में अपनी छवि बनाए रखता है। यदि भारत ने किराना हिल्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया होता, तो रेडिएशन लीक से न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचती। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, किराना हिल्स की भूमिगत संरचनाओं में रेडिएशन पहाड़ों के भीतर सीमित रह सकता था, लेकिन बड़े हमले से स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी।

X पोस्ट में भी कहा गया कि यह हमला हवा के प्रवाह को ध्यान में रखकर किया गया, ताकि भारत पर इसका असर न हो। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सोच को दर्शाता है जिसमें हर भारतीय की जान की कीमत सर्वोपरि है।


पाकिस्तान को चेतावनी, भारत की रणनीतिक जीत

हालांकि X पर वायरल दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन किराना हिल्स और नूर खान एयर बेस पर कथित हमले ने पाकिस्तान को उसकी परमाणु सुरक्षा को लेकर गहरे संकट में डाल दिया। ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत ने साबित कर दिया कि भारत किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है। सीजफायर की घोषणा से साफ है कि पाकिस्तान इस हमले से बुरी तरह डर गया था, क्योंकि भारत चाहता तो उसकी परमाणु क्षमता को पूरी तरह तबाह कर सकता था।

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