Benefits of GST on petroleum: पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने से उद्योग जगत को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन राज्य सरकार के राजस्व में बहुत बड़ी गिरावट भी आएगी। पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्य टैक्स का अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए केंद्र पर निर्भर हो जाएगा। यदि पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं तो इसका सबसे बड़ा फ़ायदा किसानों को होगा। क्योंकि इनके दाम आधे हो जाएंगे।
Benefits of GST on petroleum: हाल ही में देश के चर्चित राजनितिक विश्लेषक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम को वस्तु सेवा कर (GST) के दायरे में लाया जा सकता है और राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता पर विराम लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अभी राज्यों के पास भूमि, शराब और पेट्रोलियम का टैक्स बढ़ाने-घटाने की पूर्ण आजादी है. चुनाव परिणामों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी के प्रति देश की जनता में कोई व्यापक गुस्सा नहीं है, इसलिए तीसरी बार भी उनकी सरकार बनेगी। इस बार भाजपा लगभग 303 सीटें जीतेगी। इतने दमदार बहुमत के बाद यदि ये तीनों वस्तुएं GST के दायरे में आजाएं तो मेरे लिए ये कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
यदि जीएसटी के दायरे में आए पेट्रोल-डीजल तो क्या होगा
GST on diesel-petrol: बता दें कि 1 जुलाई 2017 में जब मोदी सरकार द्वारा जीएसटी (Goods and Services Tax) लागू होने की घोषणा की गई थी, तब इसके दायरे से कुछ वस्तुओं को बाहर रखा गया था. इसमें से पेट्रोलियम, भूमि और शराब प्रमुख थी. लेकिन राजनितिक विश्लेषक प्रशांत किशोर द्वारा दिए गए इंटरव्यू से देश भर इस बात की चर्चाएं तेज हो गई हैं कि आखिर पेट्रोल-डीजल में जीएसटी लगाने से जनता के सिर पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा या कम होगा?
(Petrol GST ke Dayre Main Ayega To Kya Hoga) तो बता दें की पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने से उद्योग जगत को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन राज्य सरकार के राजस्व में बहुत बड़ी गिरावट भी आएगी। पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्य टैक्स का अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए केंद्र पर निर्भर हो जाएगा। यदि पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं तो इसका सबसे बड़ा फ़ायदा किसानों को होगा। क्योंकि इनके दाम आधे हो जाएंगे। किसान खेती का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल-डीजल पर खर्च करता है, उसे इस समस्या से राहत मिलेगी।
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जीएसटी लगने से पेट्रोल के दाम
वर्तमान में पेट्रोल और डीजल पर सरकार 60% से भी ज्यादा टैक्स वसूल रही है. लेकिन जीएसटी में अधिकतम टैक्स का स्लैब 28% है. ऐसे में यदि पेट्रोल-डीजल पर भी सरकार अधिकतम 28% टैक्स लगाएगी तो दाम एक दम से नीचे होंगे ही होंगे। उदाहरण के तौर पर इसे समझते हैं… (What will happen if it comes under the ambit of petrol patrol)
जैसे कि मान लेते हैं कि राजधानी दिल्ली में इस समय पर पेट्रोल के दाम 94.72 रुपए प्रति लीटर हैं. पेट्रोल डीलर्स को सरकार यह माल 55.37 रुपए प्रति लीटर में बेच रही है. इसके बाद एक्साइज ड्यूटी लगती है, डीलर्स का कमीशन जुड़ता है, इसके अलावा VAT भी लगता है. ये सब कुछ मिलाकर दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 प्रति लीटर रुपए हो रही है. लेकिन जब पेट्रोल पर जीएसटी लग जाएगी तो सबसे पहले वैट और एक्साइज ड्यूटी हट जाएगी। यानी की जीएसटी का अधिकतम टैक्स स्लैब 28% ही लागू होना चाहिए। अब यदि डीलर को पेट्रोल 55.37 रुपए प्रति लीटर मिलता है तो वह इस पर 28% जीएसटी के साथ इसे ग्राहक को 70.86 रुपए प्रति लीटर में बेचेगा। ऐसा ही डीजल में भी होगा।
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