Site icon SHABD SANCHI

I.N.D.I.A द्वारा Boycott किए जाने के बाद उन 14 News Anchors ने क्या कहा?

I.N.D.I.A Boycott News Anchors Reply

I.N.D.I.A Boycott News Anchors Reply

विपक्षी गठबंधन जो फ्रीडम ऑफ़ प्रेस रैंकिंग को लेकर केंद्र सरकार को ताने मार रही रहा था उसने देश के 14 नामी पत्रकारों और न्यूज़ एंकर्स को बॉयकॉट कर उनके नाम की लिस्ट जारी की है और यह कसम खाई है कि I.N.D.I.A का कोई भी नेता इन न्यूज़ एंकर्स के शो में नहीं शामिल होगा.

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने भारत के टॉप न्यूज़ चैनलों के टॉप 14 एंकर्स और पत्रकारों का Boycott कर उनके नाम की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में ZEE News, India TV, R.Bharat, TV Today, India Today, DD News जैसे प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनलों के न्यूज़ एंकर कम संपादकों के नाम हैं. विपक्षी गठबंधन के लोगों ने यह कसम खाई है कि चाहे जो हो जाए इन न्यूज़ चैनल वालों को न इंटरव्यू देना है और न ही इनकी डिबेट का हिस्सा बनना है. ऐसा करने के पीछे वजह ये बताई गई है कि ये न्यूज़ एंकर्स विपक्षी नेताओं को बोलने का समय नहीं देते और सत्ता पक्ष का पक्ष लेते हैं. बहरहाल न्यूज़ एंकर्स पर पक्षपाती होने का आरोप वो नेता लगा रहे हैं जिन्होंने Freedom Of Press Ranking को लेकर केंद्र सरकार को कोसना शुरू कर दिया था.

I.N.D.I.A ने जो लिस्ट जारी की है उसमे 14 न्यूज़ एंकर्स के नाम कुछ इस प्रकार हैं

आइये जानते हैं लिस्ट में अपना नाम देखने के बाद इन 14 न्यूज़ एंकर्स ने क्या रिएक्शन दिया?

रुबिका लियाकत ने X में पोस्ट करते हुए कहा -: इसे बैन करना नहीं, इसे डरना कहते हैं इसे पत्रकारों का बहिष्कार नहीं सवालों से भागना कहते हैं आपको आदत है हाँ में हाँ मिलाने वालों की वो न कल किया था न आगे करूँगी बैन लगाने की हिम्मत उन नेताओं पर लगाइए जो मुहब्बत की दुकान में कूट कूट कर भरी नफ़रत परोस रहे हैं… सवाल बेलौस थे, हैं और आगे भी रहेंगे। जय हिंद

सुधीर चौधरी ने विपक्षी गठबंधन की Boycott List शेयर करते हुए कहा -: I.N.D.I.A गठबन्धन ने उन पत्रकारों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने ‘चरण चुंबक’ बनने से इनकार कर दिया।अब इनका बहिष्कार किया जाएगा। अब देखना ये है कि भारत का मीडिया इसका क्या जवाब देता है।

सुशांत सिन्हा ने कहा-: लड़की लड़के से मिली तक नहीं, चैट नहीं करती, कोई रिश्ता नहीं लेकिन लड़के ने एकतरफ़ा ब्रेकअप का ऐलान करते हुए कह दिया है कि मैं अब उससे कभी नहीं मिलूंगा। अरे भई, मैं तो डिबेट करता भी नहीं, किसी को गेस्ट बुलाता भी नहीं तो मेरे शो में आने से किसे रोक रहे हो भाई? खैर, देशहित में पत्रकारिता का ये सर्टिफिकेट सहर्ष स्वीकार है। बॉयकॉट करो, टारगेट करो, कुछ भी करो.. देश सब देख रहा है।

अशोक श्रीवास्तव ने कटाक्ष करते हुए लिखा- 28 पार्टियां 14 पत्रकारों से डर गईं?

अमीश देवगन ने तो इसपर शो बना दिया और X पर पोस्ट लिखते हुए कहा-: Committed Judiciary की बात करने वाले Committed Media चाहतें है । यह सेना प्रमुख को गुंडा कहतें है , सनातन धर्म को धोखा कहतें हैं और तो और सनातन को समाप्त ही करना चाहतें है यह भारत के वोटर को श्राप देतें हैं यह श्री राम के पैदा होने का सबूत माँगते हैं यह Surgical Strike का सबूत मांगते हैं पर सवालों से भागते हैं

फेमस राइटर आनंद रघुनाथन ने X करते हुए लिखा :- सभी को बधाई हो, World Press Freedom Index में भारत की रैंक तेजी से बढ़ गई है.

अमन चोपड़ा ने X में पोस्ट करते हुए लिखा-: वैसे हामिद अंसारी के interview के बाद से ही मैं इस बॉयकॉट वाले बैज को गर्व से लेकर चल रहा हूँ लेकिन सवाल पूछना अभी तक नहीं छोड़ा है। बहिष्कार एक पत्रकार के लिए सबसे बड़ा बैज ऑफ़ ऑनर होता है। इस सम्मान के लिए धन्यवाद

अदिति त्यागी ने लिखा-: देश के सवाल पूछने वालों की लिस्ट में अपना पहला नंबर है त्यागी डरते नहीं

NBDA ने I.N.D.I.A को ये लिस्ट वापस लेने के लिए कहा

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) ने I.N.D.I.A द्वारा जारी की गई 14 पत्रकारों को बॉयकॉट करने को लेकर बयान जारी किया है. NBDA ने कहा है कि-:

NBDA, आई.एन.डी.आई.ए. द्वारा लिए गए निर्णय से बहुत दुखी और चिंतित है। मीडिया समिति कुछ पत्रकारों/एंकरों द्वारा आयोजित शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। I.N.D.I.A द्वारा लिया गया निर्णय मीडिया समिति ने एक खतरनाक मिसाल कायम की। भारत की कुछ शीर्ष टीवी समाचार हस्तियों द्वारा संचालित टीवी समाचार शो में भाग लेने से विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधियों पर प्रतिबंध लोकतंत्र के लोकाचार के खिलाफ है। यह असहिष्णुता का प्रतीक है और प्रेस की स्वतंत्रता को ख़तरे में डालता है।

विपक्षी गठबंधन बहुलवाद और स्वतंत्र प्रेस का चैंपियन होने का दावा करता है, लेकिन इसका निर्णय लोकतंत्र के सबसे बुनियादी सिद्धांत – खुले तौर पर विचारों और विचारों को व्यक्त करने का अपरिहार्य अधिकार – के प्रति कठोर उपेक्षा को दर्शाता है।

कुछ पत्रकारों/एंकरों का बहिष्कार देश को आपातकाल के दौर में ले जाता है, जब प्रेस पर ताला लगा दिया गया था और स्वतंत्र राय और आवाज़ों को कुचल दिया गया था। एनबीडीए ने विपक्षी गठबंधन से कुछ पत्रकारों और एंकरों के बहिष्कार के अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि इस तरह का निर्णय पत्रकारों को डराने-धमकाने और मीडिया की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने जैसा होगा।

Exit mobile version