सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में साफ़ कर दिया है कि मतदान ईवीएम मशीन से ही होगा। ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा। 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रहेगी। ये पर्चियां उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेगी।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के बीच 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है. बैलेट पेपर की मांग को लेकर दर्ज याचिका भी ख़ारिज कर दी गई है. कोर्ट के फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है. ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिया है.
क्या फैसला सुनाया सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में साफ़ कर दिया है कि मतदान ईवीएम मशीन से ही होगा। ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा। 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रहेगी। ये पर्चियां उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेंगी। कोर्ट का निर्देश है कि चुनाव के बाद सिंबल लोडिंग यूनिटों को भी सीलकर सुरक्षित किया जाए. यह भी निर्देश दिया गया है कि उम्मीदवारों के पास नतीजों की घोषणा के बाद टेक्निकल टीम द्वारा ईवीएम के माइक्रोन कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का विकल्प होगा, जिसे चुनावी घोषणा के सात दिनों के भीतर किया जा सकेगा।
यह फैसला सुनाते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा कि वीवीपैट वेरिफिकेशन का खर्चा उम्मीदवारों को खुद उठाना पड़ेगा। अगर किसी स्थिति में ईवीएम से छेड़छाड़ की गई या ईवीएम को किसी तरह नुकसान पहुंचा तो उसका हर्जाना भी भरना पड़ेगा। वहीं इस दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि किसी सिस्टम पर आँख मूंदकर अविश्वास करने से संदेह ही पैदा होता है. लोकतंत्र का मतलब ही विश्वास और सौहार्द्य बनाए रखना है. बता दें कि मार्च 2023 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने 100 फीसदी ईवीएम वोटों और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.
इसी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने फैसला दिया। मौजूदा समय में वीवीपैट वेरिफिकेशन के तहत लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के सिर्फ पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम वोटों और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाता है. इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सिर्फ पांच रैंडमली रूप से चयनित ईवीएम को सत्यापित करने के बजाय सभी ईवीएम वोट और वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग करने वाली याचिका पर ईसीआई को नोटिस जारी किया था.
फैसले पर चुनाव आयोग ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद अब किसी को शक नहीं रहना चाहिए। अब पुराने सवाल ख़त्म हो जाने चाहिए। सवालों से वोटर के मन में शक होता है. चुनाव सुधार भविष्य में जारी रहेगा।