पहलगाम हमले के आतंकियों के पनाहगारों ने NIA को क्या बताया

Pahalgam Terrorists Shelter Providers: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए दो स्थानीय निवासियों (NIA Arrested Two Helpers Of Pahalgam Terrorists) को गिरफ्तार किया है, जिन्हें अब जम्मू की अदालत ने 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था, जिनमें से एक की पहचान सुलैमान शाह के रूप में हुई है। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। नीचे इस घटना और जांच से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से बताया गया है।

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बाइसरण घाटी में तीन आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। हमलावरों ने पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया, जिससे 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। यह हमला कश्मीर में हाल के वर्षों में सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक था। हमले के बाद आतंकी जंगलों में भाग गए, जिससे सुरक्षाबलों के लिए उनकी तलाश एक चुनौती बन गई।

NIA की जांच और गिरफ्तारियां

हमले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच NIA को सौंपी गई। रविवार, 22 जून 2025 को NIA ने पहलगाम के दो स्थानीय निवासियों, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर, को गिरफ्तार किया। ये दोनों भाई हैं और इन्हें आतंकियों को पनाह देने और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।

  • आरोपियों की भूमिका: NIA की पूछताछ में सामने आया कि परवेज और बशीर ने अपने घर में तीनों पाकिस्तानी आतंकियों को शरण दी थी। उन्होंने आतंकियों को भोजन, कपड़े और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराए। इसके अलावा, उन्होंने आतंकियों को इलाके की जानकारी भी दी, जिससे हमले की योजना बनाना आसान हुआ।
  • रिमांड का फैसला: जम्मू की एक विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों को 5 दिन की NIA रिमांड पर भेजा है। इस दौरान NIA इनसे आतंकियों के ठिकानों, उनके संपर्कों और हमले की साजिश के बारे में गहन पूछताछ करेगी।

आतंकियों की पहचान: सुलैमान शाह का खुलासा

NIA की जांच में तीनों आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में हुई है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इनमें से एक आतंकी, सुलैमान शाह, इस हमले का मास्टरमाइंड था।

  • सुलैमान शाह का प्रोफाइल: सुलैमान पाकिस्तान सेना की विशेष सेवा समूह (SSG) का पूर्व कमांडो है। वह कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिसमें पिछले साल अक्टूबर में श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर Z-मोरह सुरंग निर्माण में लगे सात कर्मचारियों की हत्या शामिल है।
  • अन्य आतंकी: बाकी दो आतंकियों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन NIA का दावा है कि उनकी पहचान पूरी तरह से हो चुकी है। इनके ठिकानों की तलाश के लिए NIA पहलगाम और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है।

भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर

पहलगाम हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और खराब कर दिया। हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए।

  • सिंधु जल संधि का रद्द होना: भारत ने इस हमले के बाद 1960 की सिंधु जल संधि को रद्द करने का ऐलान किया, जिसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
  • सैन्य कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में कई आतंकी ढेर हुए, लेकिन सुलैमान शाह जैसे प्रमुख आतंकियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

NIA की आगे की रणनीति

NIA अब इस हमले के पीछे के पूरे नेटवर्क को उजागर करने पर काम कर रही है। एजेंसी की योजनाओं में शामिल हैं. परवेज और बशीर से आतंकियों के स्थानीय संपर्कों और फंडिंग के स्रोतों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। NIA उन जगहों पर छापेमारी कर रही है, जहां आतंकी छिपे थे। इसके लिए पहलगाम के जंगलों और आसपास के गांवों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। चूंकि आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे, NIA अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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