Site icon SHABD SANCHI

MP: अतिथि शिक्षकों पर शिक्षा मंत्री के बोल: आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या

rao uday pratap singh

rao uday pratap singh

MP News: स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक उनके असंतोष की बात है वो कहते हैं कि पिछले साल 68 हजार शिक्षक थे इस बार काम हो गए. हमारा जो शिक्षक है जहां बच्चे नहीं हैं वहां पदस्थ था. उसे हमने निकालकर जो खाली जगह है अतिशेष वहां ले जाने का काम किया। एक बार युक्ति-युक्तिकरण हो जाने से 12 से 13 हजार शिक्षकों की कमी की पूर्ती हुई. तो स्वाभाविक है कि जहां पूर्ति हो गई है वहां अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे।

मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने दो टूक जवाब दिया है. मंत्री ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के सवाल पर कहा कि अतिथि शिक्षक नियमितीकरण क्यों होगा? अतिथि शिक्षकों का नाम क्या है? “अतिथि”. आप हमारे मेहमान बनकर आओगे तो घर पर कब्जा करोगे क्या?

मंत्री ने आगे कहा कि जहां गैप है शिक्षक कम हैं वहां उनको लगाया जाता है. पिछले दिनों अतिथि शिक्षक आए थे. हम लोगों ने बैठक की थी. उनके दो-तीन विषय हैं उन पर हम लोग काम कर रहे हैं. हमारी कोशिश होगी कि कोई अतिथि शिक्षक लगता है तो पूरे अकेडमिक सेशन में काम कराया जाए. क्योंकि वो भी हमारे बेरोजगार नौजवान हैं. उनके हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. क्योंकि हमारे स्कूलों के संचालन में अतिथि शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. जब विभाग ये मानता है कि अतिथि शिक्षक महत्वपूर्ण हैं तो उनको चिंता नहीं करना चाहिए।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक उनके असंतोष की बात है वो कहते हैं कि पिछले साल 68 हजार शिक्षक थे इस बार काम हो गए. हमारा जो शिक्षक है जहां बच्चे नहीं हैं वहां पदस्थ था. उसे हमने निकालकर जो खाली जगह है अतिशेष वहां ले जाने का काम किया। एक बार युक्ति-युक्तिकरण हो जाने से 12 से 13 हजार शिक्षकों की कमी की पूर्ती हुई. तो स्वाभाविक है कि जहां पूर्ति हो गई है वहां अतिथि शिक्षक क्यों भर्ती करेंगे। यदि भर्ती कर भी लेते हैं तो सैलरी कहां से देंगे।

पीसीसी चीफ पटवारी ने कहा- मांफी मांगे

मंत्री उदय प्रताप सिंह के बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा मंत्री को माफ़ी मांगनी चाहिए। कब्ज़ा क्या होता है. आप व्यवस्था के अंतर्गत अतिथि शिक्षकों को रखते हो वे सेवाएं देते हैं. यदि आप सेवाएं लेना चाहते और फिर बाद में अपमानित करना चाहते हो. वो भी मंत्री यानी सरकार का एक नुमाइंदा। एक मंत्री का वक्तव्य मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है. मैं मानता हूं कि शिक्षा मंत्री को मांफी मांगनी चाहिए।

Exit mobile version