दुनिया के सबसे धनवान शख्स अपने Elon Musk ने कनाडा के प्रधान मंत्री Justin Trudeau को कायदे से सुना दिया है.
Elon Musk On Justin Trudeau: भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश से ताने खाने के बाद कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को दुनिया के सबसे बड़े धन्नासेठ एलोन मस्क ने भी हड़का दिया है. मामला अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा हुआ है। Elon Musk हमेशा से फ्री स्पीच की वकालत करते आए हैं और खुद जस्टिन ट्रूडो भी खालिस्तानियों की नफरती हरकत पर फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का चोला ढंकने का काम करते हैं. लेकिन फ्रीडम ऑफ़ स्पीच की ढींगे हांकने वाले ट्रूडो ने ऑनलाइन सेंसरशिप को लेकर नियम जारी कर दिए हैं जिसमे सोशल मीडिया के कंटेंट्स को लेकर कई रेगुलेशन हैं. यही बात X (Twitter) के मालिकान एलन मस्क को पसंद नहीं आई और उन्होंने कनाडा के प्रधान मंत्री को कायदे से सुना भी दिया।
एलन मस्क ने X में पोस्ट करते हुए लिखा-
यह शमर्नाक बात है कि ट्रूडो कनाडा में अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाना चाहते हैं.
Elon Musk को Justin Trudeau से क्या दिक्क्त हो गई?
ट्रूडो सरकार ने कनाडा में ऑनलाइन सेंसरशिप को लेकर नियम जारी किए हैं. जिसके तहत सभी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सर्विसेज को सरकार के साथ रजिस्टर करना होगा. अमेरिका के मशहूर पत्रकार ग्लेन ग्रीनवाल्ड (Glenn Greenwald) ने कनाडा सरकार के इस कदम को दुनिया का सबसे कठोर नियम करार दिया है. इसमें सरकार ऑनलाइन कंटेंट को पूरी तरह अपने कंट्रोल में रखेगी।
खालिस्तानियों के मामले में फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का ज्ञान देते हैं
जस्टिन ट्रूडो वैसे तो सोशल मीडिया कंटेंट को अपने कंट्रोल में लेना चाहते हैं. माने वो चाहें तो किसी भी पोस्ट को हटा सकते हैं और किसी भी शख्स की टिप्पणी को डिलीट करवा सकते हैं. उनके नजरिये से ये फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का हनन करने वाला कानून नहीं है. लेकिन जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों की नफरती हरकतों और बयानों को अभिव्यक्ति की आजदी बता देते हैं. G20 समिट में जब ट्रूडो इंडिया आए थे तब पीएम मोदी ने कनाडा में खालिस्तानियों का मुद्दा उठाया था.
पीएम मोदी ने कहा था कि- कनाडा में भारतीय डिप्लोमेट्स के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है. भारतीय नागरिकों और उनके धर्मस्थलों पर हमले हो रहे हैं. इसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए।
इसपर ट्रूडो ने जवाब दिया- बीते कुछ सालों में मेरी PM मोदी से इस मुद्दे पर बात हुई है। हम हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है।
ट्रुडो के हिसाब से कनाडा में खालिस्तानी जो भारत के खिलाफ नफरती और आतंकवाद करने जैसा बयान देते हैं वो फ्रीडम ऑफ़ स्पीच है.