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MP: भोपाल ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज 90 डिग्री एंगल के मोड़ पर क्या बोले सीएम डॉ. मोहन?

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Bhopal 90 Degree Bridge: ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज पर डॉ. मोहन यादव का पहली बार बयान सामने आया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त कर रहे हैं। इसके बाद ही लोकार्पण करेंगे। इसकी अनोखी डिजाइन को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने भी जांच कराई। जिसमें टर्निंग होने की वजह से बड़ा हादसा होने की संभावना जताई।

Bhopal 90 Degree Bridge News: भोपाल के ऐशबाग रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पहली बार बयान सामने आया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त कर रहे हैं। इसके बाद ही लोकार्पण करेंगे। उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई किए जाने की बात भी कही है।

ऐशबाग आरओबी अपने 90 डिग्री एंगल के मोड़ से पूरे देश में सुर्खियों में बना हुआ है। इसकी अनोखी डिजाइन को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने भी जांच कराई। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने इसकी जांच की। जिसमें टर्निंग होने की वजह से बड़ा हादसा होने की संभावना जताई। इसके बाद जिम्मेदार भी तय किए जा रहे हैं।

क्या बोले मुख्यमंत्री?

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुए टेक्निकल फॉल्ट को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, उन लोगों को चिंह्नित किया जा रहा है, जो ब्रिज को बनाने के जिम्मेदार हैं। टेक्निकल फॉल्ट दूर करने के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।

खामियां दूर कर रहा पीडब्ल्यूडी

ऐशबाग ब्रिज की डिजाइन सोशल मीडिया पर भी जमकर ट्रोल हो रही है और इसके मीम्स भी बन रहे हैं। हालांकि यह ब्रिज टूटेगा नहीं, सिर्फ इसकी टर्निंग सही की जा रही है। ताकि टकराकर वाहनों के गिरने का खतरा न रहे।

सोशल मीडिया पर मीम्स भी बने

भोपाल में बना यह रेलवे ओवरब्रिज को लेकर लोग सोशल मीडिया पर मीम्स बना रहे हैं। इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।

क्रॉसिंग बंद होने से ब्रिज की जरूरत

ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा। ब्रिज की डिजाइन को लेकर कांग्रेस सवाल भी उठा चुकी है।

18 महीने में बनकर तैयार होना था

इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।

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