Chandrayaan-3 के Pragyan Rover ने ISRO को Vikram Lander की तस्वीर भेजी है. फोटो में विक्रम लैंडर चांद की सतह में ड्रिलिंग करता दिखाई दे रहा है.
चंद्रयान-3 को अबतक क्या मिला: चंद्रमा की सतह में सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद Chandrayaan-3 के प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) और विक्रम लैंडर (Vikram Lander) अपने काम में जुट गए हैं. हाल ही में प्रज्ञान रोवर पर लगे दो नेविगेशन कैमरे से खींची गई विक्रम लैंडर की तस्वीर ISRO को मिली है. इस तस्वीर में विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह में ड्रिल करते हुए दिखाई दे रहा है. विक्रम लैंडर में लगा पेलोड सतह पर ड्रिलिंग करके गहराई और तापमान मापता है.
चंद्रयान-3 ने चांद के बारे में क्या पता किया?
चांद पर उतरने के 6 दिन बाद चंद्रयान ने ISRO को दूसरा ओब्सर्वेशन भेजा था. जिसके मुताबिक चंद्रमा के साउथ पोल में सल्फर की मौजूदगी पाई गई है. इसके अलावा चांद की सतह में एल्युमुनियम, कैल्सियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम भी मौजद है.
चांद की मिट्टी में मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद है. चंद्रयान यहां अब हाइड्रोजन की खोज कर रहा है. अबतक चांद की मिट्टी में पृथ्वी में पाए जाने वाले 9 तरह के तत्व मिले हैं. प्रज्ञान रोवर में लगे LIBS (Laser Induced Breakdown Spectroscope Pelode) ने ये ओब्सर्वेशन भेजे हैं.
चांद की मिट्टी में ऑक्सीजन मिली?
प्रज्ञान रोवर ने चांद की मिट्टी में ऑक्सीजन की खोज की है. लेकिन ये ऑक्सीजन उस फॉर्म में नहीं है कि कोई जीव यहां सांस ले सके. चांद की ऑक्सीजन, ओक्सईड फॉर्म में है. इससे पहले NASA ने भी चंद्रमा की मिट्टी में ऑक्सीजन का पता लगाया था.
चंद्रमा का तापमान अजीब
27 अगस्त को विक्रम लैंडर में लगे पेलोड ने पहला ओब्सर्वेशन भेजा था. यह चंद्रमा के तापमान के बारे में था. Vikram Lander के ChaSTE ने पाया है कि चंद्रमा की सतह और थोड़ी गहराई में तापमान में बहुत बड़ा फर्क है. चंद्रमा के साउथ पोल में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है, वहीं 80mm की गहराई में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. चास्टे में 10 टेम्परेचर सेंसर लगे हैं, जो 10cm यानी 100mm की गहराई तक पहुंच सकते हैं। ChaSTE पेलोड को स्पेस फिजिक्स लैबोरेटरी, VSSC ने अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के साथ मिलकर बनाया है।