Amit shah on Union Civil Court: देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भाजपा समान नागरिक संहिता (UCC) लाने पर अडिग हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री अमित शाह की अगुवाई में हम समान सिविल सहिंता जरूर लाएंगे।
आज तक न्यूज़ चैनल में अजेंडा 2023 नामक एक प्रोग्राम में अमित शाह पहुंचे थे. यहां अमित शाह से पुछा गया कि भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में हमेशा से रहा राम मंदिर, आर्टिकल 370 और यूनियन सिविल कोर्ट रहा है. बाकि तो अपने कर दिया राममंदिर बन रहा है. आर्टिकल 370 हट गया. UCC को आप स्टेट वाइज देख रहे हैं उत्तराखंड, गुजरात इन स्टेट के चुनाव में UCC आपके मैनिफेस्टो में रहता है. इसे आप पूरे राष्ट्र में लागू करने के लिए क्या सोच रहे हैं क्या तैयारियां चल रही है आपकी.
अमित शाह ने क्या कहा?
इस सवाल पर अमित शाह ने कहा- देखिए आप इसे भारतीय जानत पार्टी के एजेंडे के रूप में देश की जनता के सामने प्रस्तुत न करिए ये संविधानसभा देश के विधानमंडल और संसद को एक मैंडेट था. डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ़ स्टेट पॉलिसी आर्टिकल 44 में हमारी संविधानसभा ने कुछ ऐसी चीजें रखी थी. जिसको कुछ कारणों की वजह से संविधान सभा उस समय लागु नहीं कर पाई. उसको अनुच्छेद 44 के माध्यम से डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पालिसी में रखा गया. और यूनिफार्म सिविल कोर्ट उसमें से एक है. ये बात अलग है कि बाद में वोट बैंक की पॉलिटिक्स से कांग्रेस ने इसे छोड़ दिया।
संविधान सभा में ज्यादातर नेता कांग्रेस के ही थे. सबसे बड़े नेता कांग्रेस के वहां बैठे थे और उन्होंने ही बनाया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने ही इसे पकड़ के रखा है, क्योंकि किसी भी धर्म निरपेक्ष शासन का सबसे बड़ा लक्षण ये है कि सभी धर्म के नागरिकों के लिए एक समान नियम कानून हों. मगर कांग्रेस ने इसको भुला दिया, और वोट बैंक की राजनीति के कारण इस पर एक अलग प्रकार का आइडियोलॉजी और वैचारिक कपडे पहनाने का प्रयास किया। भारतीय जनता पार्टी इसे नहीं मानती हैं. हमारे 1950 से जितने की चुनावी संकल्प पत्र हैं, उसमें यह साफ बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी देश में यूसीसी लाने का प्रयास करेगी।
अब अपने कहा स्टेटों में प्रयास हो रहा है. देखिए कॉमन सिविल कोर्ट बहुत बड़ा सामाजिक और लीगल परिवर्तन है. इस पर सबकी राय चाहिए। एक दो राज्य में इसे करते हैं कमेटियां बनती हैं. सुनवाई होती है, लाखो लोगो से मिला जाता और उसके अभिप्राय आते हैं. इसके आधार पर एक कानून बनता है. लीगल स्फुटनी भी होगी इसका पूरा देश स्वीकार करेगा मुझे पूरा भरोषा है. अमित शाह ने यह भी कहा कि आप ये मान के चलिए भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में UCC पर अडिंग है, और हम इसे लाएंगे।
क्या है समान नागरिक सहिंता?
समान नागरिक सहिंता या समान अचार सहिंता (Uniform Code Of Conduct) एक पंथनिरपेक्ष कानून (Secular Law) हैं. जो हर धर्म और पंथ के लोगों के सामान रूप से लागु होता है. आसान भाषा में कहें तो अलग-अलग समुदाय या पंथ के लोगों के लिए अलग-अलग सिविल कानून का न होना ही ‘समान नागरिक सहिंता’ होता है. UCC धर्म या पंथ से जुड़े निजी कानून से ऊपर होता है.