अवार्ड लौटने का सिलसिला शुरू! अंजाम क्या होगा?

शुक्रवार 23 दिसंबर को भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) प्रेसिडेंट इलेक्शन में संजय सिंह की जीत के बाद अपना पद्म श्री पुरस्कार लौटा दिया था. जिसका एलान करते हुए उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत भी लिखा था. उन्होंने अपना पद्मश्री पुरसकार प्रधानमंत्री आवास के बहार फुटपाथ पर रख दिया, जिसे बाद में पुलिस ने हटा दिया. इसके बाद अब खबर आई है कि बीरेंद्र सिंह यानि गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है। इस सन्दर्भ में गूंगा पहलवान ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि

मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद्मश्री लौटा दूंगा। मुझे अपनी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है। साथ ही उन्होंने सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा को टैग करते हुए लिखा कि – देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से भी मैं अनुरोध करूंगा कि वो भी अपना निर्णय लें।

बता दें कि पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने के बाद बजरंग पूनिया ने दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। जिसपर WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने पहलवानों के साथ-साथ कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं है। वे कर रहे हैं तो विरोध करें, क्या अब उनके विरोध पर मैं फांसी पर लटक जाऊं? कुश्ती को एक ग्रहण लगा था, जो 11 महीने और तीन दिनों तक बना रहा। अब चुनाव हुआ और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानी हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली है। जीत भी 40 और 7 के अंतर से हुई है. जो कुश्ती का काम है उसको अब आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। अब वे जो कर रहे हैं करते रहें।

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सन्यास लेने का सिलसिला तब शुरू हुआ जब साक्षी मलिक ने WFI चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुश्ती छोड़ने का फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि हम लड़ाई नहीं जीत पाए, कोई बात नहीं, हमारा समर्थन करने देशभर से दूर-दूर से आए लोगों का आभार। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि,

‘पहलवानों ने WFI में महिला प्रेसिडेंट की मांग की थी, लेकिन सब जानते हैं कि बृजभूषण का तंत्र कितना मजबूत है। मैं और बजरंग पूनिया गृहमंत्री से मिले थे। हमने बाकायदा लड़कियों के नाम लेकर उन्हें बताया था कि रेसलिंग को बचा लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ। चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह, बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं। जब तक बृजभूषण सिंह और उनके जैसे लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं, न्याय की उम्मीद नहीं है। ऐसे में, मैं आज से ही अपनी कुश्ती त्यागती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।’

साक्षी मलिक के संन्यास लेने के निर्णय पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि –

साक्षी ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? ये पहलवान जो 12 महीने से हमें गाली देने का काम कर रहे हैं, आज भी गाली दे रहे हैं। उनको गाली देने का हक किसने दिया है। आज वे कुश्ती संघ के चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, इसका मतलब है कि वे सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ये सभी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे हैं।’

इस मामले पर राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रजभूषण के खिलाफ लड़ने वाले और पुरस्कार लौटने वाले खिलाड़ी देश भर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर सकते हैं और देश के सभी एथलीट को एकजुट करने की कोशिश कर सकते हैं. जिसका प्रभाव हमें आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है और विपक्ष इसी फ़िराक में था की उन्हें केंद्र सरकार के खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा मिल जाए.

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