US Weapon Aircraft Deal Cancelled By India: भारत ने अमेरिका के साथ हथियार और विमान खरीद (US Weapons and Aircraft Purchase Cancel) की योजनाओं को अचानक रोक दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा भारत के रूस से तेल खरीद (Russian Oil Purchase) पर लगाए गए 25% टैरिफ (25% Tariff) के जवाब में लिया गया है। भारत ने न केवल नई रक्षा खरीद की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाला, बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh US Visit Cancelled) की प्रस्तावित अमेरिका यात्रा भी रद्द कर दी है। यह कदम भारत के राष्ट्रीय हितों (National Interests) और स्वदेशी रक्षा उद्योग (Indigenous Defense Industry) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा संदेश है।
भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान डील क्यों कैंसिल की
Why did India cancel the arms and aircraft deal with America: रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान खरीद की योजनाओं को रोकने का फैसला ट्रम्प प्रशासन के हालिया टैरिफ (Trump Tariffs) के जवाब में लिया है। अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात (Russian Oil Imports) को निशाना बनाते हुए भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। भारत ने इसे “अनुचित और अव्यवहारिक” करार दिया।
भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा, “भारत और अमेरिका एक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, लेकिन हम अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदना जारी रखेगा।”इसके जवाब में भारत ने अमेरिका से हथियारों और विमानों की खरीद पर विचार करने वाली सभी योजनाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अभी तक कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है, जिसका मतलब है कि यह फैसला जल्दी ही पलटा भी जा सकता है। हालांकि, फिलहाल कोई “आगे की प्रगति” नहीं दिख रही है।
भारत की अमेरिका से कौन कौन सी डील रद्द हुई
Which deals of India with America were cancelled: भारत ने कई महत्वपूर्ण रक्षा सौदों (Defense Deals) को रोकने का फैसला किया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- बोइंग P8I टोही विमान (Boeing P8I Aircraft): भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए छह बोइंग P8I टोही विमानों (Reconnaissance Aircraft) की खरीद की योजना रद्द की गई है। इस सौदे की अनुमानित कीमत 3.6 बिलियन डॉलर (लगभग 30,000 करोड़ रुपये) थी और यह अंतिम चरण में था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका यात्रा पर घोषणा करने वाले थे।
- स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स (Stryker Combat Vehicles): भारत और अमेरिका जनरल डायनामिक्स (General Dynamics) द्वारा निर्मित स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों (Armored Vehicles) की खरीद और सह-उत्पादन पर बातचीत कर रहे थे। यह सौदा भारतीय सेना (Indian Army) के लिए था और इसे भी रोक दिया गया है
- जेवलिन मिसाइल्स (Javelin Missiles): भारत ने रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन (Raytheon and Lockheed Martin) द्वारा विकसित जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल्स (Anti-Tank Missiles) की खरीद की योजना पर भी विराम लगा दिया है। यह मिसाइलें भारतीय सेना की टैंक-रोधी क्षमता (Anti-Tank Capability) को बढ़ाने के लिए थीं।
- F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स (F-35 Stealth Fighter Jets): भारत ने जुलाई 2025 में ही अमेरिका को सूचित कर दिया था कि वह लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) के F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स (Fifth-Generation Fighter Jets) खरीदने में रुचि नहीं रखता। यह फैसला ट्रम्प द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा ( Narendra Modi White House Visit) के दौरान इन जेट्स की पेशकश के बाद लिया गया। भारत ने इसके बजाय स्वदेशी AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोग्राम पर ध्यान देने का निर्णय किया
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग हाल के वर्षों में मजबूत हुआ है। 2008 से अब तक भारत ने अमेरिका से 20 बिलियन डॉलर से अधिक के हथियार खरीदे हैं। हाल ही में अक्टूबर 2024 में 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन (Predator Drones) की 32,000 करोड़ रुपये की डील फाइनल हुई थी। इसके अलावा, 73,000 SIG बैटल राइफल्स (SIG Battle Rifles) और 500 से अधिक स्ट्राइकर वाहनों (Stryker Vehicles) की खरीद की योजना थी। लेकिन टैरिफ विवाद (US India Tariff Dispute) ने इन योजनाओं पर ब्रेक लगा दिया है।