जल की हर बूंद को सहेजने से ही दूर होगा जल संकट

भोपाल। जल की हर बूंद में जीवन का सार है। इसे सहेजने से ही जल संकट दूर होगा। इसी ध्येय से जनभागीदारी के साथ तीन माह का जल गंगा संवर्धन अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। यह बाते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहीं है। उन्होंने कहा कि अभियान के शुरूआती दौर में ही मंत्री, सांसद, नगरीय एवं पंचायत प्रतिनिधियों के साथ अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक भी अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे है। अभियान में जहाँ एक और पुराने जल स्त्रोतों की साफ-सफाई, गहरीकरण और जीर्णाेद्धार किया जा रहा है, वही वर्षा के जल को सहेजने के लिये नई जल संरचनाओं का निर्माण भी किया जा रहा है।

शहडोल में तालाब का जीर्णाेद्धार

शहडोल जिले में जल की बूंद-बूंद को सहेजने के लिए गांव-गांव में कुएं, तालाब, कुण्ड और बावड़ी जैसी जल संरचनाओं का जीर्णाेद्धार किया जा रहा है। जिले के गांव कुमारी में वर्षा जल को सहेजने के लिए गांव के तालाब की सफाई के साथ उसका गहरीकरण भी किया गया। इसी प्रकार गांव खाम्हीडोल में भी तालाब का जीर्णाेद्धार किया गया।

छिंदवाड़ा में विद्यार्थियों ने की प्राचीन कुण्ड की सफाई

जल गंगा संवर्धन अभियान के जिले के गांव मऊ के नाले में के साफ-सफाई की गई। इसमें से गाद निकाल कर पानी को स्वच्छ किया गया। बीसएसडब्ल्यू व एमएसडब्ल्यू के विद्यार्थियों रीना, शशि बारांगे, पप्पू चौधरी बंदेवार, सुनीता काहर, महिमा साहू, पंकज गाडरे और सागर पवार के साथ ग्रामवासी ने श्रमदान कियाय़ जन अभियान परिषद की पहल पर विद्यार्थियो ने पातालेश्वर धाम मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन जल कुंड से कूड़ा-करकट, पूजन सामग्री, वृक्ष के पत्ते निकालकर सफाई की।

इसी क्रम में देवास जिला प्रशासन एवं स्थानीय गांवो के जनसहयोग से सोनकच्छ विकासखंड की ग्राम पंचायत अगेरा के तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है। इस तालाब के गहरा होने से अधिक वर्षा जल एकत्रितकिया जा सकेगा। इससे स्थानीय भूजल स्तर भी बढ़ेगा और पेयजल के साथ खेती करने के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।

उमरिया में पाली सगरा तालाब पर स्वच्छता अभियान

उमरिया में नदियों, तालाबों, कुओं की साफ सफाई की जा रही है। इसी श्रृंखला में गांव सगरा के पाली तालाब में साफ सफाई की गई। जन अभियान परिषद, नगर विकास प्रस्फुटन समिति और नवांकुर संस्था ने आपसी सहयोग से जल संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए दीवार लेखन और जल चौपालों का भी आयोजन किया।

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