Delhi News: दिल्ली में पानी का संकट कोई नई बात नहीं है दिल्ली कहने को तो भारत को राजधानी है लेकिन पानी के संकट से दिल्ली हमेशा से जूझता रहा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में जल संकट की समस्या कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। इसके पीछे की वजह यमुना में अमोनिया का बढ़ता स्तर बताया जा रहा है। इसके अलावा गंग नहर के रखरखाव के कारण यूपी से पानी की आपूर्ति बंद हो गई है। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि वजीराबाद और सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या पैदा हो गई है।
यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से जल संकट। Delhi News
रविवार को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष विनय मिश्रा ने कहा, ‘हर साल यूपी बाढ़ एवं सिंचाई विभाग रखरखाव के लिए नहर को 15 दिन के लिए बंद कर देता है। इस साल भी इसे बंद किया गया है, जिससे पानी की कमी हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अपर यमुना रिव्यू बोर्ड के अनुसार, जब रखरखाव के कारण उत्तर प्रदेश सिंचाई नहर से पानी आना बंद हो जाता है, तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में यमुना से पानी लिया जाता है। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण यह पानी भी पीने योग्य नहीं रहता है।’
हरियाणा सरकार से अमोनिया का स्तर कम करने का आग्रह किया
द्वारका से आप विधायक विनय मिश्रा ने कहा, रखरखाव के कारण जब गंग नहर से आपूर्ति बंद हो जाती है, तो दिल्ली की यमुना पर निर्भरता बढ़ जाती है। हमने हरियाणा सरकार से यमुना में अमोनिया का स्तर कम करने का अनुरोध किया है, ताकि सोनिया विहार और वजीराबाद एसटीपी अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकें और दिल्ली को भरपूर पानी मिल सके। इसके पीछे का कारण यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ना बताया जा रहा है। इसके अलावा गंग नहर के रखरखाव के कारण यूपी से पानी की आपूर्ति बंद हो गई है।
जल्द खोजा जाएगा इस समस्या का समाधान। Delhi News
उन्होंने आगे कहा कि इस समस्या को लेकर वे मुख्यमंत्री आतिशी से मिलेंगे। इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। इस जल संकट के दौरान दिल्ली जल बोर्ड लोगों से पानी बचाने की अपील करता है। डीजेबी इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने हरियाणा सरकार से यमुना में अमोनिया का स्तर कम करने का अनुरोध किया है, ताकि सोनिया विहार आदि क्षेत्रों में शुद्ध पानी की आपूर्ति हो सके।