रीवा। अप्रैल महीने में ही पानी को लेकर हॉय-तौब शुरू हो गई है। ग्रामीण बड़े-बड़े डिब्बा लेकर पानी की तलाश में दूर-दूराज तक जा रहे है। जल स्तर नीचे खिसक जाने से तकरीबन 3000 से ज्यादा हैंडपम्प हवा उगल रहे है। जिन लोगों ने बोरबेल भी करवा रखे है उनके बोरबेल में पानी नही निकल रहा है। ऐसे में पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। पानी की यह हालत अप्रैल माह के शुरूआत में ही शुरू हो गई हैं, जबकि तपिश का महीना जेठ-बैसाख दस्तक दे रहा है। ऐसे में पानी की किल्लत तेजी से बढ़ने की आहट सुनाई दे रही है।
जलस्तर गिरने से बन रही स्थित
रीवा-मउगंज जिले में जल संकट बढ़ने की मूल वजह लगातार जल स्तर कंम होना है। जिससे हैंडपम्प और बोरबेल में पानी आना बंद हो रहे है। जहां भी पानी निकल रहा वहा लोग पानी का डिब्बा लेकर लाइन में नजर आ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि सारे काम छोड़ कर वे सबसे पहले पानी की तलाश में निकल रहे है। पानी के बिना उनकी दिनचर्या संभव नही है। ज्ञात हो कि चालू वर्ष में रीवा और मउगंज क्षेत्र के हैंडपम्प मार्च माह में ही हाफने लगे है। पानी नीचे पहुच जाने से लोगो को हैंडपंप एवं बोरबेल से पानी नही मिल पा रहे है।
प्रशासन भी मान रहा समस्या
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने खुद माना कि पानी की समस्या आ रही हैं। उन्होने मीडिया को बताया कि गत वर्ष रीवा जिले में औसत से काफी कंम बारिश हुई थी। जिसके चलते मार्च माह में जल स्तर कंम हो गया। अप्रैल माह में हैंडपम्प पानी नही दे पा रहे है। कलेक्टर ने बताया कि पानी की समस्या को दूर करने के लिए जिन बस्तियों में चार हैंडपम्प है उनमें एक हैंडपम्प की राइजिंग पाइप बढ़ाई जाएगी। जिससे बस्ती के लोगो को पानी मिल सकें, साथ ही पानी के लिए अन्य स्रोत से भी व्यवस्था बनाई जा रही है।