पाकिस्तान में गहराया जल संकट, अब भारत से मांग रहा भीख

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Indus Water Treaty: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत को चार बार पत्र लिखकर संधि बहाल करने की अपील की है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, संधि निलंबित रहेगी।

Indus Water Treaty: पाकिस्तान इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, जिसका प्रमुख कारण भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) का निलंबन बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत को चार बार पत्र लिखकर संधि बहाल करने की अपील की है, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, संधि निलंबित रहेगी।

पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 28 लोग मारे गए, के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने का आरोप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” इसके बाद भारत ने सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी को नियंत्रित करने की रणनीति शुरू की।

पाकिस्तान में जल संकट की स्थिति

पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत की 90% कृषि सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है। पानी की कमी से खेती को भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही पीने के पानी और हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) के अनुसार, सिंधु नदी प्रणाली में पानी की आपूर्ति में 21% की कमी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रबी फसलों को व्यापक नुकसान हो सकता है, और गर्मियों में यह संकट और गहरा सकता है।

पाकिस्तान की अपील

पाकिस्तान ने मई 2025 में पहला पत्र लिखकर संधि बहाल करने की गुहार लगाई थी। इसके बाद तीन और पत्र भेजे गए, लेकिन भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए बिना पुनर्विचार से इनकार कर दिया। जल शक्ति मंत्रालय ने इन पत्रों को विदेश मंत्रालय को सौंप दिया है।

भारत की रणनीति

भारत अब अपने हिस्से के पानी का अधिकतम उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाएं शुरू कर रहा है। इनमें 130 किलोमीटर लंबी नहर, जो ब्यास नदी को गंगनहर से जोड़ेगी, और यमुना को जोड़ने वाली 200 किलोमीटर की नहर शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान का पानी पूरी तरह रोकने के लिए भारत को भाखड़ा नांगल जैसे 22 बांधों की आवश्यकता होगी, जो एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। फिर भी, मौजूदा ढांचे में बदलाव कर भारत पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जल सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता घोषित करते हुए नए जलाशयों के निर्माण का आदेश दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के फैसले का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन वर्ल्ड बैंक ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। पंजाब सरकार की मंत्री अजमा बोखारी ने भारत को “गंभीर परिणाम” की चेतावनी दी, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।

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