महाभारत हिंदी धर्म का एक पवित्र और धार्मिक ग्रन्थ है. महाभारत के कई ऐसे किरदार हैं जिन्हे लेकर आज भी रहस्य बना हुआ है. उनमें से ही एक किरदार है जिसका नाम है शिखंडी। शिखंडी एक ऐसा किरदार है जिसे लेकर आज भी लोगों के मन में कई सवाल हैं जैसे- शिखंडी एक लड़का है या लड़की? क्या शिखंडी किसी का पुनर्जन्म है? शिखंडी की मृत्यु कैसे हुई? आज हम इस लख में इन सभी सवालों के सही जवाब देने वाले हैं.
अम्बा का पुनर्जन्म है शिखंडी
Shikhandi is the reincarnation of Amba: महाभारत में शिखंडी काशिराज की बेटी अम्बा का पुनर्जन्म थी। अम्बा की 2 और बहने थीं अम्बिका और अम्बालिका। जब काशिराज ने अपनी तीनों पुत्रियों का स्वयम्बर रचाया। तब उस स्वयम्बर में भीष्म पितामह भी अपने छोटे भाई विचित्रवीर्य का रिश्ता लेकर सभा में गए थे. अम्बा पहले से ही शाल्व राजा को पसंद करती थीं, लेकिन भीष्म पितामह ने सभा में उसके प्रेमी को प्रतिस्पर्धा में हरा दिया क्यूंकि वो तीनों बहनो की शादी अपने भाई विचित्रवीर्य से करवाना चाहते थे. लेकिन प्रतिष्पर्धा में हरने के बाद जिस राजा से अम्बा विवाह करना चाहते थे उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्होंने अम्बा से शादी करने से मन कर दिया। जिसके बाद अम्बा क्रोधित हो गयी और भीष्म पितामह को उनसे विवाह करने के लिए कहा. लेकिन भीष्म ने कभी भी विवाह न करने की प्रतिज्ञा ली थी. जिसकी वजह से उन्होंने ने भी विवाह करने से मन कर दिया और फिर अम्बा ने अम्बा ने कठोर तप किया और शिव से वर पाया की वह अगले जन्म औरत के ही रूप में जन्म लेंगी और भीष्म की मृत्यु का कारण बनेगी। इसके बाद अम्बा ने खुद को अग्नि में समर्पित कर दिया और अपने प्राण त्याग दिया। कुछ समय बाद अम्बा ने पांचाल नरेश द्रुपद के घर बेटी के रूप में जन्म लिया जिसका नाम पड़ा शिखण्डिनी। राजा को ज्ञात था की उनकी पुत्री ही भीष्म की मृत्यु का कारण बनेगी इस लिए राजा ने अपनी पुत्री को पुत्र की तरह अस्त्र \शस्त्र की शिक्षा दी थी.
शिखंडी लड़का कैसे बनी
How Shikhandi became a boy: शिखंडी ने भीष्म के वध की सारी तैयारी कर ली थी. लेकिन युद्ध का एक नियम था की कोई भी स्त्री युद्ध के मैदान में युद्ध नहीं कर सकती है. जिसके बाद शिखंडी क्रोधित हो गयी और उसने आत्महत्या करने का फैसला किया लेकिन तब यक्ष जो कुबेर का सेवा था उसने शिखंडी को लिंग परिवर्तन करने के लिए कहा. जिसके बाद यक्ष ने शिखंडी को लड़का बना दिया लेकिनएक शर्त भी रखी की तुम मात्रा एक दिन के लिए ही पुरुष बन सकती हो शाम होते ही तुम पुनः औरत बन जाओगी। तुम्हे भीष्म को मारने का अपना प्राण आज ही पूरा करना पड़ेगा। शिखंडी एक दिन के पुरुष बनी और भीष्म की मृत्यु का कारण भी.
शिखंडी की मृत्यु कैसे हुई
how did shikhandi die: सूरज ढलने के बाद युद्ध समाप्त हो जाता है यानि की सूरज के डूब जाने के बाद किसी भी पक्ष के योध्या युद्ध या भी अश्त्र शस्त्र एक दूसरे पर नहीं चला सकते थे. लेकिन महाभारत के युद्ध के 18 दिन बीत चुके थे गुरु द्रोणाचार्य और दुर्योधन की मृत्यु हो गयी थी. और बदले की आग में द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वथामा जल रहे थे उसने प्रण लिया की वो पांडवों के पुरे वंश को मार देगा। युद्ध के बाद सभी योद्धा अपने अपने शिविर में सो रहे थे. शिखंडी भी एक शिविर में चैन की नींद सो रही थी तभी अश्वथामा ने उस पर पीछे से वॉर कर दिया और उसे मार दिया।