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क्या आनंदपाल और लॉरेंस गैंग के बीच तनातनी में मारे गए गोगामेड़ी, जानिए सुखदेव मर्डर केस की Inside Story

जानिए सुखदेव मर्डर केस की Inside Story

जानिए सुखदेव मर्डर केस की Inside Story

Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मंगलवार को शूटरों ने जयपुर में उनके घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मर्डर की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ली। पंजाब पुलिस ने भी मार्च के महीने में राजस्थान ATS को अलर्ट कर दिया था कि लॉरेंस गैंग का खास गैंगस्टर संपत नेहरा गोगामेड़ी को मरवाने के लिए एके-47 अरेंज करवा रहा है।

इस बीच ये सवाल काफी अहम हो चला है कि लॉरेंस गैंग और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के बीच क्या दुश्मनी थी? क्यों संपत नेहरा गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रच रहा था? आखिर ये राजस्थान में कोई नई गैंगवार की शुरुआत तो नहीं है? इन सब सवालों का जवाब हम आप तक पहुचाएंगे विस्तार से.

Story of Lawrence Bishnoi and Anandpal Gang: आनंदपाल गैंग की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से नजदीकियां हमेशा से रही थीं। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद नागौर के सांवराद में चले उग्र आंदोलन को लीड गोगामेड़ी ने ही की थी। आनंदपाल एनकाउंटर के 6 साल बाद 3 दिसंबर 2022 को राजू ठेहट का मर्डर का हुआ और लॉरेंस गैंग के खास गुर्गे रोहित गोदारा बाकायदा इसकी जिम्मेदारी ली थी। उस पोस्ट में यह कहा गया था कि ये आनंदपाल का बदला है। यहां तक तो सब ठीक था। क्योंकि आनंदपाल और लॉरेंस गैंग दोनों ही एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे थे.

Story of Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: राजू ठेहट मर्डर के बाद शेखावाटी में खौफ फैलने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने रोहित गोदारा के जरिए व्यापारियों और प्रॉपर्टी कारोबारियों से फिरौती वसूलना शुरू कर कर दिया था. इनमें से कई ऐसे व्यापारी थे जिनका संबंध सुखदेव सिंह गोगामेड़ी से था. लॉरेंस बिश्नोई की धमकियों के बाद भी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और आनंदपाल के छोटे भाई मंजीत पाल सिंह उन पीड़ित व्यापारियों और प्रॉपर्टी कारोबारियों के पक्ष में खुल कर आ गए थे. यहां तक की थाने पर मुकदमा भी दर्ज करवा दिया था.

एक साल पहले रतनगढ़ के रहने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी महिपाल सिंह को गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से धमकी दी गई थी। फिरौती मांगने का यह मामला राजू ठेहट के महज 54 दिन बाद ही था. 8 दिसंबर 2022 को महिपाल सिंह के फोन पर वॉट्सऐप से वौइस् मैसेज आया था कि मैं रोहित गोदारा बोल रहा हूं. 5 दिसंबर तक 50 लाख रुपए का जुगाड़ कर देना। नहीं तो सीकर वाला अंजाम तुमने देखा ही है। अब आगे भी अगर काम करना है तो हमें पैसे देने होंगे। इसके बाद 15 दिसंबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर उसके पास वॉट्सऐप कॉल आया था। उसमें भी कहा गया कि मैं रोहित गोदारा बोल रहा हूं। हां या ना का जवाब दे दो। महिपाल जी दोबारा फोन नहीं आएगा।’

Karni Sena Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: इस मामले में भी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई ने महिपाल सिंह का साथ दिया था. और फिरौती देने से मना कर दिया था. इसके आलावा भी काई मामलों में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने खुलकर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ बात की थी. गोगामेड़ी की यही बात लॉरेंस बिश्नोई गैंग को खटकने लगी थी. जानकारों की माने तो यही वजह थी जब लॉरेंस बिश्नोई और गोगामेड़ी की विवाद की स्तिथि बन गई थी.

अंडरवर्ल्ड की दुनिया में अपनी पैठ जमा रही लौरेंस बिश्नोई गैंग राजस्थान में इसे अपने रास्ते का कटा मान बैठी। यही कुछ वजहें थी जिनकी वजह से पंजाब की भटिंडा जेल में बैठा लौरेंस गैंग का गैंगस्टर संपत नेहरा गोगामेड़ी की हत्या की साजिश गढ़ने में लग गया था. इस मर्डर के लिए वो एके-47 अरेंज करवा रहा था.

पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस को भी इस बात की इनफार्मेशन मिल चुकी थी। यही कारण है कि पंजाब पुलिस ने ये जानकारी इसी साल मार्च महीने में राजस्थान पुलिस की ATS को दी थी। एक कॉन्फिडेंशियल मैसेज के जरिए इन्फॉर्म किया था कि गैंगस्टर संपत नेहरा राजस्थान में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रच रहा है। हत्या के प्लान के लिए वह जेल से बाहर मौजूद अपने एसोसिएट्स से एके-47 अरेंज करवा रहा है। इस पर राजस्थान ATS के DIG अंशुमान भौमिया (Anshuman Bhowmiya) ने 14 मार्च को ही राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को गोगामेड़ी पर हमले की साजिश का अलर्ट भेजा।

क्या सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पता था कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है?

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पिछले कई महीनों से लगातार लॉरेंस विश्नोई गैंग से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। इतना ही नहीं उन्हें अपने नेटवर्क और पुलिस सूत्रों से भी ये जानकारी थी कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। इसे लेकर एक सार्वजनिक सभा में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा भी था कि मुझे मारने के लिए एके-47 खरीदी जा रही है, इसके बावजूद पुलिस मुझे सुरक्षा नहीं दे पा रही है। गोगामेड़ी के करीबी बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही जयपुर में पुलिस कमिश्नर से मिलकर उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी। मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोगामेड़ी पुलिस से 3 बार सुरक्षा मांग चुका था, लेकिन नहीं मिली।

लॉरेंस गैंग के कॉन्ट्रैक्ट में थे शूटर

रोहित गोदारा की तलाश खत्म हुई, नवीन शेखावत पर जाकर. नवीन जयपुर में ही राजपूताना इलाक़े का रहनेवाला था. कपड़े की उसकी दुकान थी. सुखदेव सिंह से अच्छी जान पहचान थी. ये बात रोहित गोदारा को मालूम थी. इत्तेफाक से नवीन के कज़न की अगले महीने शादी थी. रोहित को पता था कि नवीन शादी का कार्ड देने के लिए सुखदेव सिंह के घर जाएगा. जाल यहीं से बिछाना शुरू हुआ. उसके दो खास शूटर थे. एक रोहित राठौर और दूसरा नितिन फौजी. रोहित राजस्थान के ही नागौर का रहेवाला है, जबकि नितिन फौजी हरियाणा के महेंद्रगढ़ का, लेकिन नितिन का ससुराल राजस्थान के अलवर में है. पांच साल पहले ही नितिन की फ़ौज में नौकरी लगी थी जिस कारण वह अपने नाम के आगे फौजी लगता है. सुखदेव सिंह को गोली मारने के लिए इन्ही दोनों को चुना गया. नितिन बाकायदा सेना से छुट्टी लेकर आया. इसके बाद दोनों ने नवीन शेखावत से मुलाकात की। धीरे-धीरे अपने भरोसे में ले लिया। फिर अपनी गैंग में शामिल कर लिया। फिर एक दिन तय होता है कि पांच नवंबर को शादी का कार्ड देने वो तीनो जाएंगे. बाकायदा इसके लिए स्कॉर्पियों कार भी बुक करते हैं. अब इससे इन्तेफाक कहें या साजिश कि पांच दिसंबर को ही सुखदेव सिंह के तीन में से दो गार्ड छुट्टी में थे. एक अकेला अजित सिंह ही सुखदेव सिंह के साथ था. उसके घर पहुंचने के बाद, नवीन शेखावत, अजीत से गोगामेड़ी को शादी का कार्ड देने की बात बताता है. इसके बाद तीनों नवीन, रोहित और नितिन तीनो को घर आने की इजाज़त मिलती है. घर के अंदर ड्राइंग रूम में सुखदेव सिंह सोफे में बैठे थे. नवीन उन्हें शादी का कार्ड देता है. इसके बाद इधर उधर की बातें शुरू हो जाती हैं. बात चित का यह सिलसिला करीब दस मिनट तक चलता है. सुरक्षा की दृस्टि से सुखदेव सिंह अपने घर के बहार और अंदर CCTV कैमरे लगा रखे थे.

मुलाकात का ये सारा मंजर उन्ही कैमरों में कैद हो रहा था. करीब दस मिनट बाद अचानक सुखदेव सिंह के मोबाइल की घंटी बजी. सुखदेव सिंह का ध्यान फोन की तरफ जाते ही दोनों शूटरों को मौका मिल जाता है. वो फ़ौरन खड़े हुए और एक के बाद एक कई गोलियां चलाना शुरू कर दी. ड्राइंग रूम में गार्ड अजित भी मौजूद था. उन्होंने अजित को भी गोली मारी। इनमे से एक गोली उनके साथी नवीन शेखावत को भी लगी जिसकी अब मौत हो चुकी है. जिसके लिए रोहित गोदारा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा भी है,

“राम राम सभी भाइयों को. मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़. जैसा कि आपको पता है कि सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी हम पहले ही ले चुके हैं. मौके पर हमारा भाई स्वर्गीय नवीन सिंह शेखावत शहीद हुआ है. इस बलात्कारी, अहंकारी और जातिवाद के नाम पर पॉलिटिक्स करने वाले लालची कु# को मारते हुए हमारे अजीज भाई की कुर्बानी हुई है. उसकी दिलेरी को हम सलाम करते हैं. उसे हम हमेशा याद रखेंगे. हमारा जो फर्ज है, उसे निभाएंगे.”

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बेबस हुआ कानून

बेशक लॉरेंस बिश्नोई जेल में हो लेकिन जिस तरह से पिछले डेढ़ साल से लॉरेन्स बिश्नोई गुर्गे बाकायदा एलानिया अपने टारगेट को चुन-चुन कर मार रहे हैं. उसकी वजह से वे तमाम लोग दहशतज़दा हैं. जिन्हे लॉरेंस गैंग ने धमकी दे रखी है. ऐसे लोगों की एक लम्बी लिस्ट है. अब सवाल ये है कि खुलेआम धमकी के इस खेल के बावजूद पुलिस और कानून लॉरेंस गैंग के खिलाफ हमेशा बेबस क्यों नजर आता रहा है? जाहिर सी बात है कि इससे गैंग का हौसला लगातार बढ़ रहा है. सबसे बड़ा मजाक तो ये है कि लॉरेंस ये सबकुछ जेल के अंदर रहकर कर रहा है. यदि वो जेल के बहार होता, तो न जाने क्या करता। फिलहाल, राजस्थान और हरियाणा पुलिस आरोपियों की कोशिश कर रही है.

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