Stock market news: Warren Buffett का नाम आते ही हमारे जेहन में एक ही बात आती है, और वो है निवेश जी हां सिर्फ निवेश ही दिमाग में चलने लगता है. गौरतलब है कि, लॉन्ग-टर्म निवेश की बात याद आती है. बफ़े अक्सर कहते हैं कि लंबे समय निवेश करना ही मेरा पसंदीदा तरीका है लेकिन 2025 में बफ़े ने चुपचाप कुछ शानदार शेयर बेचना शुरू कर दिए हैं.
इन स्टॉक्स में करी बिकवाली
आपको बता दें की वारेन बफ़े ने बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर की कंपनियों में लगातार हिस्सेदारी में कमी की है. हालांकि लोगों को पता है की वारेन बफ़े सिर्फ निवेश में ध्यान देते हैं और ऐसे में वो शेयरों में बिकवाली क्यों कर रहे हैं. यही कारण है कि बहुत से निवेशकों को हैरानी हुई कि आखिर इतने भरोसेमंद निवेशक अब अपने पुराने स्टॉक्स को क्यों बेच रहे हैं? निवेशकों को यह भी लग रहा था की शायद ये उनकी कोई नई रणनीति है? चलिए हम डिटेल में जानते हैं कि बफे ने किन-किन स्टॉक को बेचा और क्यों?
Bank of America Stock News (बैंक ऑफ अमेरिका)
वारेन बफे 2011 से Bank of America में निवेश करते आ रहे थे, लेकिन अब इसकी कुछ हिस्सेदारी को उन्होंने बेचना शुरू कर दिया है. इसके पीछे की कोई खास वजह नहीं है लेकिन हो सकता है कि अब उन्हें बैंकिंग सेक्टर में उतना मजबूती नहीं दिख रही हो या वे ज्यादा पैसा एक ही जगह रखने से बचना चाहते हों.
Citigroup Stock News (सिटीग्रुप)
पिछले साल यानी 2024 के अंत में बफ़े ने Citigroup के शेयरों को बेचना शुरू किया और मार्च 2025 तक उन्होंने अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी. यह निवेश पहले से ही बहुत बड़ा नहीं था, इसलिए इसे फाइनेंस सेक्टर से नॉर्मल बिकवाली का हिस्सा माना जा सकता है.
Nu Holdings Stock News (नू होल्डिंग्स)
गौरतलब है कि, यह कंपनी अमेरिकी निवेशकों में ज्यादा फेमस नहीं है, लेकिन बफे के लिए यह एक फायदे का सौदा साबित हुआ. 2025 में बफे ने इस कंपनी के पूरे शेयर बेच दिए और लगभग 250 मिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया.
Liberty Media Formula One Series C (लिबर्टी मीडिया फॉर्मूला वन सीरीज C) Stock News
गौरतलब है कि, यह शेयर बर्कशायर को सीधे नहीं, बल्कि एक स्पिनऑफ (कंपनी विभाजन) के जरिए मिला था. हालांकि इसे वारेन ने खुद नहीं खरीदा, इसलिए हो सकता है कि वो इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते थे. इस समय इसकी हिस्सेदारी बर्कशायर के पोर्टफोलियो का सिर्फ 0.1% है.
DaVita (डेविटा) Stock News
डेविटा एक हेल्थकेयर कंपनी है. बता दें की डेविटा ने बफे से खुद अपने कुछ स्टॉक वापस खरीद लिए, इसके पीछे की वजह बफे की हिस्सेदारी अधिकतम सीमा से ज्यादा हो गई थी. यह एक प्लान के तहत हुआ, बफे की मर्जी से नहीं. हालांकि, अभी भी DaVita बर्कशायर के पोर्टफोलियो का 1.6% हिस्सा है.
T-Mobile US Stock News (टी-मोबाइल)
बफे ने इसमें भी अपनी हिस्सेदारी बहुत कम कर दी है. वे आमतौर पर टेलिकॉम कंपनियों में लंबे समय के लिए निवेश नहीं करते, शायद यही वजह रही.
Capital One Financial Stock News (कैपिटल वन फाइनेंशियल )
गौरतलब है कि यह चौथी ऐसी फाइनेंशियल कंपनी है जिसमें बफे ने 2025 में हिस्सेदारी घटाई. अब यह बर्कशायर के पोर्टफोलियो का सिर्फ 0.5% हिस्सा है. यह कदम भी बफे की इस साल की स्ट्रेटजी के हिसाब से है, जिसमें वो फाइनेंस सेक्टर से दूरी बना रहे हैं.